बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है और प्रारंभिक रुझानों में बीजेपी नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने स्पष्ट बढ़त बना ली है। दोपहर एक बजे तक मिले आंकड़ों के अनुसार एनडीए 199 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि महागठबंधन केवल 38 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। शुरुआती रुझानों ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है और कहीं न कहीं सत्ता परिवर्तन की संभावनाओं पर भी असर डाल रहे हैं।

इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने चुनावी रुझानों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अंतिम परिणामों का इंतजार करना उचित होगा, क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा आधिकारिक घोषणा के बाद ही वास्तविक तस्वीर सामने आएगी। उनका कहना था कि जीत और हार कई कारणों पर निर्भर करती है और जल्दबाज़ी में निष्कर्ष नहीं निकाले जाने चाहिए।

“आत्ममंथन ज़रूरी, लेकिन गठबंधन की स्थिति भी आंकें”
थरूर ने कहा कि अभी चर्चा बढ़त की है और एनडीए बड़े अंतर से आगे है, परंतु अंतिम निर्णय चुनाव आयोग के हाथों में है। उन्होंने स्वीकार किया कि नतीजों के बाद पार्टी को अपने प्रदर्शन की समीक्षा करनी होगी, लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि कांग्रेस गठबंधन की प्रमुख पार्टी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि राजद को भी अपने प्रदर्शन पर अलग से विचार करना चाहिए।

“चुनावी सफलता कई पहलुओं पर निर्भर करती है”
कांग्रेस सांसद के अनुसार चुनावों में हार-जीत केवल एक कारण से तय नहीं होती, बल्कि इसमें कई सामाजिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय कारक भूमिका निभाते हैं। इसलिए, किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले व्यापक विश्लेषण आवश्यक है।

महिला मतदाताओं की भूमिका पर भी चर्चा
रुझानों के बीच यह भी चर्चा है कि राज्य सरकार की महिलाओं पर केंद्रित योजनाओं का असर एनडीए के पक्ष में दिखाई दे रहा है। इस पर थरूर ने कहा कि आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले महिला मतदाताओं को कुछ लाभ दिए गए थे, जो कानूनन सही है। हालांकि, उन्होंने इस प्रणाली को सकारात्मक परंपरा न बताते हुए कहा कि राज्यों में इस तरह की कोशिशें पहले भी देखी गई हैं, चाहे वह बिहार हो या महाराष्ट्र।

थरूर ने कहा कि चुनावी माहौल में किसी विशेष वर्ग को लाभ देकर प्रभावित करना लंबे समय में लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए स्वस्थ संकेत नहीं है, लेकिन यह प्रक्रिया वर्षों से जारी है।