बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में कुपोषण मुक्ति अभियान के तहत जिले के अधिकारी और जनप्रतिनिधि बच्चों की देखभाल में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इस अभियान के दौरान बालोद की कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने चिचबोड़ की कुमारी हिमांशी और ग्राम परसोदा की कुमारी तेजस्वी को गोद लेकर उनकी पूरी देखभाल की जिम्मेदारी ली। इन दोनों बच्चों की उम्र क्रमशः ढाई और चार वर्ष है। कलेक्टर ने बच्चों के खान-पान और पालन-पोषण की जानकारी लेते हुए उन्हें सुपोषित बनाने के लिए मार्गदर्शन भी दिया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील चंद्रवंशी ने भी कुपोषित बालक पुष्पराज (3 वर्ष) और प्रिंस ठाकुर (डेढ़ वर्ष) को गोद लेकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी ली। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी समीर पांडे, जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजानंद साहू और अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी इस मौके पर मौजूद थे।
सांसद भोजराज नाग और विधायक डौण्डीलोहारा की अनिला भेड़िया, संजारी बालोद की संगीता सिन्हा और जिला पंचायत अध्यक्ष तारणी पुष्पेन्द्र चंद्राकर ने भी कुपोषित बच्चों को गोद लिया। इस अवसर पर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बच्चों को पौष्टिक आहार, दूध, अंडा, फल और गुड़ मुहैया कराया जाए और उनका नियमित स्वास्थ्य और विकास मॉनिटरिंग की जाए।
बालोद जिले में ‘मिशन गोद’ के तहत विकासखण्ड स्तर पर समिति का गठन किया गया है। इसके अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी होंगे, जबकि परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी सदस्य के रूप में इस समिति में शामिल होंगे। मिशन का उद्देश्य जिले के 6 महीने से 3 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें सुपोषित बनाने की व्यवस्था सुनिश्चित करना है।
यह पहल बच्चों की सेहत और विकास को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।