छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है। चार दिनों से हो रही बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी है। बुधवार रात जगदलपुर के श्यामाप्रसाद मुखर्जी वार्ड में एक पुराने मकान की पहली मंजिल धंस गई। मौके पर एसडीआरएफ टीम, महापौर और निगम का दस्ता पहुंचा और पीड़ितों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में भेजा गया।
सुकमा जिले में भी 611 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में सुरक्षित रखा गया है, जहां भोजन और रहने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने नदी और नालों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की। एनडीआरएफ टीम ने बाढ़ और बारिश में फंसे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान बस्तर संभाग में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए और कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। लोहंडीगुड़ा, दरभा और तोकापाल विकासखंडों में प्रशासन लगातार राहत कार्य कर रहा है। हेलीकॉप्टर और नाव की मदद से पिछले 24 घंटों में 68 से अधिक लोग सुरक्षित निकाले गए।
मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखने और कलेक्टरों को निचले इलाकों में लोगों को सतर्क कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस बल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार प्रभावित लोगों तक सहायता सुनिश्चित करने और किसी को भी संकट में अकेला न छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
मौसम विभाग के अनुसार, 26 और 27 अगस्त को सबसे अधिक बारिश दंतेवाड़ा जिले में हुई, जबकि सुकमा, बीजापुर और बस्तर में भी कई गांवों में भारी वर्षा दर्ज की गई। बाढ़ से लगभग 25 गांव प्रभावित हुए हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त है।