छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति तथा 'नियत नेल्लानार योजना' से प्रेरित होकर बीजापुर जिले में छह इनामी नक्सलियों सहित कुल नौ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में माड़ डिवीजन, दक्षिण बस्तर डिवीजन और डीजीएन डिवीजन से जुड़े नक्सली शामिल हैं। ये नक्सली संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत थे, जिनमें कंपनी नंबर-01, प्लाटून 12 और 13 के एसीएम, तकनीकी इकाई के सदस्य और भूमकाल मिलिशिया कमांडर शामिल हैं।
इन नक्सलियों ने डीआईजी कमलोचन कश्यप, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव और अन्य सुरक्षा अधिकारियों की उपस्थिति में आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख नक्सलियों में शामिल हैं:
- बक्सू ओयाम (माड़ डिवीजन, कंपनी नं. 01) – ₹8 लाख का इनामी
- बुधराम पोटाम (एसीएम, प्लाटून नं. 12) – ₹5 लाख का इनामी
- हिड़मा उर्फ हिरिया (एसीएम, प्लाटून नं. 13) – ₹5 लाख का इनामी
- मंगू उईका उर्फ टोग्गी (तकनीकी टीम सदस्य, दक्षिण बस्तर डिवीजन) – ₹2 लाख का इनामी
- रोशन कारम उर्फ सोनू (चिन्नापल्ली एरिया कमेटी, डीजीएन डिवीजन) – ₹2 लाख का इनामी
- मंगलों पोड़ियाम (भैरमगढ़ एरिया कमेटी) – ₹2 लाख का इनामी
अन्य आत्मसमर्पित सदस्यों में कमलू हेमला उर्फ कुम्मा (डीएकेएमएस सदस्य, फुलादी आरपीसी), बुधराम हेमला (डीएकेएमएस सदस्य, फुलादी आरपीसी), और पण्डरू पूनेम उर्फ पदखूटा (भूमकाल मिलिशिया कमांडर, मनकेली) शामिल हैं।
सभी नक्सलियों को आत्मसमर्पण के पश्चात सरकार की ओर से प्रोत्साहन स्वरूप ₹50,000-₹50,000 के चेक प्रदान किए गए। पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव ने मौके पर मौजूद रहकर नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ें और पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं।
जिले में 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 277 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 310 की गिरफ्तारी हुई है और 131 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए हैं।