दंतेवाड़ा और बीजापुर सीमा से सटे भैरमगढ़ क्षेत्र के केशकुतुल जंगलों में बुधवार सुबह नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस मुठभेड़ में कई माओवादी मारे गए हैं, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि सुबह दंतेवाड़ा से विशेष पुलिस टीम निकली थी, जो बीजापुर सीमा के पास केशकुतुल में नक्सलियों से भिड़ गई। दोनों पक्षों के बीच रुक-रुककर फायरिंग जारी है। अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है।
बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पिछले कुछ समय में नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाया गया था। इस दौरान बटालियन ने जंगलों में किसी भी तरह की सख्ती नहीं की थी, ताकि माओवादी आत्मसमर्पण के लिए तैयार हो सकें। इसके बावजूद कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जंगलों में ऑपरेशन फिर से तेज कर दिया।
हाल ही में डीकेएसजेडसी सदस्य चैतू उर्फ श्याम दादा और उनके 9 साथियों ने जगदलपुर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. के अनुसार, लगातार नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहे हैं और अब कई माओवादी अपने साथियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
चैतू का कहना है कि उन्हें कॉलेज के समय से ही नक्सलियों के मेडिकल टीम के संपर्क में आने का मौका मिला था और वर्ष 1985 में वह भूमिगत हो गए थे। उनका समर्पण दरभा डिवीजन को और कमजोर कर रहा है, जबकि सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इस तरह के आत्मसमर्पण से क्षेत्र में शांति और नियंत्रण स्थापित करने में मदद मिलेगी।
यह मुठभेड़ और आत्मसमर्पण की घटनाएं सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलवाद पर कड़ी कार्रवाई को और तेज कर सकती हैं।