दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट की जांच में एक और अहम खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि फरीदाबाद में आतंकियों पर की गई कार्रवाई के बाद संदिग्ध डॉक्टर उमर मोहम्मद घबरा गया था, जिसके बाद उसने हड़बड़ी में दिल्ली में धमाका कर दिया। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह विस्फोट आत्मघाती हमला था और इसमें आईईडी का इस्तेमाल किया गया था।
फरीदाबाद में जब 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था, तभी से एजेंसियां डॉक्टर उमर की तलाश में थीं। जांच में यह भी सामने आया कि लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट में जिस कार का इस्तेमाल हुआ, वह पुलवामा निवासी तारिक की थी, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तारिक ने ही उमर को वह हुंडई i20 कार दी थी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, घटनास्थल से बरामद शव का डीएनए परीक्षण कराया जाएगा ताकि यह पुष्टि की जा सके कि कार में सवार व्यक्ति उमर मोहम्मद ही था या कोई और। खुफिया सूत्रों को शक है कि वही संदिग्ध कार चला रहा था। सीसीटीवी फुटेज में भी एक मास्क पहने व्यक्ति को उसी कार को चलाते हुए देखा गया है।
सोमवार शाम करीब 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैफिक सिग्नल पर यह विस्फोट हुआ, जिससे आसपास के कई वाहन जलकर खाक हो गए। धमाके की चपेट में आने से दस लोगों की मौत हो गई और 24 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 12 दिल्ली के निवासी बताए जा रहे हैं, जबकि बाकी अन्य राज्यों से हैं। मृतकों में अमरोहा निवासी अशोक कुमार (34) और दिल्ली निवासी अमर कटारिया (35) शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस, एनआईए, एनएसजी और फोरेंसिक टीमें जांच में जुटी हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर का मिश्रण इस्तेमाल किया गया। विस्फोट के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और सभी सीमा चौकियों पर वाहनों की जांच तेज कर दी गई है।
फरीदाबाद से कुछ घंटे पहले ही एक “सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल” का भंडाफोड़ किया गया था, जिसमें तीन डॉक्टरों समेत आठ लोग गिरफ्तार हुए थे और करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क के दिल्ली विस्फोट से संबंधों की पड़ताल कर रही है।
अधिकारियों के अनुसार, धमाके से आसपास की इमारतों और मेट्रो स्टेशन के शीशे तक टूट गए। घटना के बाद मौके पर पहुंची दस दमकल गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। जांच एजेंसियां अब इस संभावना की भी जांच कर रही हैं कि कहीं यह हमला किसी बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा तो नहीं था।