दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। 12 दिसंबर की शाम चार बजे राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 349 दर्ज किया गया था, लेकिन रात के दौरान हालात तेजी से बिगड़े और शनिवार सुबह 10 बजे यह बढ़कर 401 तक पहुंच गया। हवा की रफ्तार बेहद धीमी रहने, वातावरण में ठहराव और प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों के चलते प्रदूषकों का जमाव बढ़ा, जिससे हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में चली गई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की जीआरएपी उप-समिति ने पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चरण-3 तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। यह फैसला पहले से लागू चरण-1 और चरण-2 के उपायों के अतिरिक्त लिया गया है, ताकि प्रदूषण को और बढ़ने से रोका जा सके।
आयोग ने एनसीआर के सभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे तय निवारक कदमों को सख्ती से लागू करें और किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाए। अधिकारियों को निर्माण गतिविधियों, औद्योगिक उत्सर्जन और अन्य प्रदूषण स्रोतों पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है।
गौरतलब है कि जीआरएपी के तहत वायु गुणवत्ता को चार स्तरों में बांटा गया है। एक्यूआई 201 से 300 के बीच ‘खराब’ स्थिति को चरण-1, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ को चरण-2, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ को चरण-3 और 450 से ऊपर की स्थिति को ‘गंभीर प्लस’ यानी चरण-4 माना जाता है। फिलहाल दिल्ली का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंचने के कारण चरण-3 के सख्त उपाय लागू किए गए हैं।