नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। बुधवार को सुबह शहर के 31 इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जबकि दरियागंज और आसपास के क्षेत्रों में आज सुबह AQI 455 तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, औसत AQI 418 दर्ज किया गया, जो हवा की “गंभीर” श्रेणी में आता है।

बुधवार सुबह हल्का कोहरा और धुंध शहर में छाई रही, जिसके कारण लोग मास्क पहनकर बाहर निकले और सांस संबंधी मरीजों को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ा। मंगलवार की तुलना में AQI में थोड़ी गिरावट (लगभग 10 अंक) दर्ज की गई है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली और एनसीआर में पराली जलाने की घटनाओं, वाहनों से निकलने वाले धुएं और निर्माण कार्यों ने वायु प्रदूषण को बढ़ाया। वाहन प्रदूषण का योगदान 17.97 फीसदी, पराली जलाने का 7.3 फीसदी और निर्माण गतिविधियों से 2.65 फीसदी प्रदूषण दर्ज किया गया।

सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता केवल 500 मीटर थी, जबकि पालम हवाई अड्डे पर 800 मीटर। एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां AQI 408 दर्ज किया गया। गुरुग्राम में 350, गाजियाबाद में 362 और ग्रेटर नोएडा में 387 AQI रिकॉर्ड हुआ। फरीदाबाद में हवा अपेक्षाकृत साफ रही और AQI 274 दर्ज किया गया।

अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि शनिवार तक राजधानी की हवा “बेहद खराब” श्रेणी में पहुंच सकती है। दीपावली के बाद से ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है, जबकि ग्रैप-3 के प्रतिबंध लागू हैं। दिल्ली में सड़क धूल का योगदान मात्र 1.38 फीसदी रहा।