राजधानी दिल्ली में डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की चिंता बढ़ गई है। नगर निगम दिल्ली (एमसीडी) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक डेंगू के 1136 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
बढ़ते आंकड़े बना रहे चिंता का माहौल
एमसीडी के अनुसार, सितंबर और अक्तूबर के महीनों में डेंगू के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। केवल अक्तूबर माह (25 अक्तूबर तक) में 307 नए केस सामने आए हैं, जबकि सितंबर में 208 मरीज मिले थे। बीते सप्ताह ही 72 नए मामलों की पुष्टि हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के बाद जमा पानी, स्वच्छता में कमी और रोकथाम अभियानों में रुकावट इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।
हड़ताल से प्रभावित हुआ नियंत्रण अभियान
मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम में लगे फील्ड कर्मचारियों की हड़ताल से स्थिति और बिगड़ गई है। हड़ताल के चलते घर-घर निरीक्षण, लार्वा जांच और एंटी-लार्वल स्प्रे जैसी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। अक्टूबर को डेंगू नियंत्रण के लिहाज से सबसे अहम महीना माना जाता है, लेकिन इस बार निरीक्षण कार्य काफी कम हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष घर-घर जांच और कानूनी कार्रवाई में भारी कमी आई है।
मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले भी बढ़े
डेंगू के साथ-साथ मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में भी तेजी देखी जा रही है। इस साल अब तक मलेरिया के 590 और चिकनगुनिया के 120 मामले सामने आए हैं। केवल अक्तूबर में ही मलेरिया के 219 नए केस दर्ज हुए हैं।
एमसीडी के अनुसार, अब तक 3.21 करोड़ घरों का निरीक्षण किया गया है, जिनमें 2.18 लाख घरों में मच्छर प्रजनन स्थल पाए गए। इस दौरान 1.43 लाख नोटिस जारी किए गए, 27,959 मामलों में अभियोजन की कार्रवाई हुई और लगभग 19.6 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि रोकथाम अभियान तेजी से नहीं चलाया गया, तो नवंबर तक संक्रमण और गंभीर रूप ले सकता है।