नई दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को और प्रभावी बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने तकनीक का सहारा लेना शुरू कर दिया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को डस्ट पोर्टल 2.0 और अपडेटेड ग्रीन दिल्ली एप की प्रगति की समीक्षा की। ये दोनों प्लेटफॉर्म राजधानी में रियल-टाइम मॉनिटरिंग और नागरिक शिकायतों के त्वरित समाधान को सशक्त बनाएंगे।
डस्ट पोर्टल 2.0 में जीआईएस तकनीक का उपयोग करके निर्माण स्थलों की सीमाओं को अपने आप चिह्नित किया जाएगा। नियमों का डिजिटल ऑडिट किया जाएगा और प्रदूषण के स्तर के आधार पर रंग-कोड वाले अलर्ट जारी होंगे। हर निर्माण स्थल को एक क्यूआर कोड दिया जाएगा, जिसे स्कैन करके निरीक्षण टीम तुरंत उसका कम्प्लायंस रिकॉर्ड देख सकेगी। पोर्टल को एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसी एजेंसियों से जोड़ने का काम भी जारी है, ताकि सभी विभाग एक प्लेटफॉर्म पर मिलकर कार्रवाई कर सकें।
ग्रीन दिल्ली एप के जरिए नागरिक अब 17 प्रकार की प्रदूषण-संबंधी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। मंत्री सिरसा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए और समाधान की पुष्टि के लिए संबंधित अधिकारी घटना स्थल के 200 मीटर के दायरे में मौजूद हों। उन्होंने कहा, "तकनीक प्रदूषण नियंत्रण की सबसे बड़ी ताकत है। इससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनती है।" साथ ही नागरिकों से ग्रीन दिल्ली एप के माध्यम से अधिक भागीदारी करने की अपील की।