नई दिल्ली। लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान भाजपा ने कांग्रेस पर तीखी टिप्पणियां की। सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कोई राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेता। उन्होंने सवाल उठाया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो चुका है, लेकिन क्या राहुल गांधी या सोनिया गांधी ने वहां जाने की पहल की? दुबे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल अपने मुस्लिम वोट बैंक की चिंता करती है और इसी वजह से ईवीएम और SIR के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।

भाजपा सांसद ने 1976 की स्वर्ण सिंह समिति का हवाला देते हुए कहा कि इसने राष्ट्रपति के अधिकारों को सीमित कर दिया था और कांग्रेस का संस्थानों पर हस्तक्षेप का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, "संविधान में राष्ट्रपति का उल्लेख 121 बार हुआ है, लेकिन कांग्रेस के एक संशोधन ने राष्ट्रपति को केवल रबर स्टैंप बना दिया।"

दुबे के इस बयान के तुरंत बाद कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने उनका जवाब देते हुए राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन किया और भाजपा नेता पर व्यंग्य करते हुए कहा कि उनका अतीत खंगालने का कौशल उन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में नौकरी के लिए उपयुक्त बनाता है।

इस दौरान लोकसभा में चुनाव सुधारों और संस्थागत स्वतंत्रता को लेकर चर्चा काफी गरमाई रही, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए।