नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित किया। कार्यक्रम से पहले उन्होंने इस वर्ष के वीरता पुरस्कार से सम्मानित बच्चों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया। बच्चों के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत का वीडियो भी सामने आया है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश वीर बाल दिवस मना रहा है और यह दिन साहिबजादों की असाधारण वीरता को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादे भारत के साहस, आत्मबल और धर्मनिष्ठा के प्रतीक हैं, जिन्होंने बहुत कम उम्र में अत्याचार और कट्टरता के सामने अडिग रहकर इतिहास रच दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साहिबजादों को उस दौर की सबसे ताकतवर सत्ता से टकराना पड़ा, लेकिन उन्होंने सत्य और धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा। यह संघर्ष केवल सत्ता का नहीं, बल्कि मूल्यों और अमानवीयता के बीच की लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की क्रूर नीतियों के सामने भी साहिबजादों का मनोबल नहीं टूटा।

पीएम मोदी ने कहा कि मुगल सत्ता ने पूरे जोर से साहिबजादों को झुकाने की कोशिश की, लेकिन चारों साहिबजादे अपने संकल्प पर अडिग रहे। उन्होंने साहिबजादा अजीत सिंह जी के शब्दों को याद करते हुए कहा कि उनका साहस आज भी युवाओं को प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान की प्रेरणा से निकले साहिबजादों को डराया नहीं जा सकता था। उन्होंने अफसोस जताया कि देश की आजादी के बाद भी लंबे समय तक ऐसी गाथाओं को वह स्थान नहीं मिला, जिसकी वे हकदार थीं। गुलामी की मानसिकता का असर स्वतंत्र भारत में भी बना रहा, लेकिन अब देश ने इससे पूरी तरह बाहर निकलने का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि अब भारत अपने नायकों और नायिकाओं के बलिदान को गर्व के साथ स्मरण कर रहा है और वीर बाल दिवस उसी सोच का प्रतीक है। विविध भाषाएं और संस्कृतियां भारत की शक्ति हैं और यही हमारी पहचान हैं।

प्रधानमंत्री ने युवाओं, खासकर जेन-Z और जेन-अल्फा को संबोधित करते हुए कहा कि यही पीढ़ी विकसित भारत के सपने को साकार करेगी। उन्होंने युवाओं की प्रतिभा और आत्मविश्वास पर भरोसा जताते हुए कहा कि आज देश युवाओं को अवसर देने के लिए मंच तैयार कर रहा है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और तकनीकी क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुली हैं।

उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे तात्कालिक लोकप्रियता के आकर्षण से दूर रहें और अपनी सफलता को देश की प्रगति से जोड़ें। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत उपलब्धियां तभी सार्थक हैं, जब वे राष्ट्र के काम आएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर बाल दिवस की पहल ने साहिबजादों की प्रेरणा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का काम किया है। बीते चार वर्षों में यह मंच साहसी और प्रतिभाशाली बच्चों को पहचान देने का माध्यम बना है। इस अवसर पर देशभर से चयनित 20 बच्चों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि यह सम्मान बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों का भी सम्मान है।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल वीर पुरस्कारों के लिए हर साल आवेदनों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की उपलब्धियां भविष्य के प्रति विश्वास को और मजबूत करती हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर भी संदेश साझा कर साहिबजादों, माता गुजरी जी और गुरु गोविंद सिंह जी के आदर्शों को नमन किया।