नई दिल्ली। कमजोर हवाओं और प्रतिकूल मौसम के चलते राजधानी की हवा लगातार दमघोंटू बनी हुई है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। सुबह के समय धुंध, कोहरा और घना स्मॉग छाया रहा, जिससे कई इलाकों में दृश्यता काफी घट गई। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के मुताबिक रविवार सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 456 दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सुबह सात बजे के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी के कई क्षेत्रों में एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया। अलीपुर में 449, आनंद विहार में 493, अशोक विहार और जहांगीरपुरी में 500, बवाना में 472, बुराड़ी में 454, चांदनी चौक में 438, आईटीओ में 469, पंजाबी बाग में 480, रोहिणी और वजीरपुर में 500 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट टी-3 क्षेत्र में 384 और लोधी रोड पर 417 एक्यूआई दर्ज हुआ।
एनसीआर के अन्य शहरों में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। गाजियाबाद में वसुंधरा का एक्यूआई 490 तक पहुंच गया, जबकि इंदिरापुरम में 477 और संजय नगर में 424 दर्ज किया गया। नोएडा के सेक्टर 125 में 461, सेक्टर 62 में 420 और सेक्टर 116 में 486 एक्यूआई रहा। गुरुग्राम के एनआईएसई ग्वाल पहाड़ी क्षेत्र में 462 एक्यूआई दर्ज किया गया, हालांकि कुछ इलाकों में स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर रही। फरीदाबाद के सेक्टर 30 में एक्यूआई 111, न्यू इंडस्ट्रियल टाउन में 184 और सेक्टर 11 में 342 रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में हवा की रफ्तार सामान्य से काफी कम, औसतन 10 किलोमीटर प्रति घंटे से नीचे बनी हुई है। ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषणकारी कण वायुमंडल में लंबे समय तक टिके रह रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले तीन से चार दिनों में प्रदूषित हवा से राहत मिलने के आसार कम हैं।
दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के पीछे मौसम की भूमिका अहम मानी जा रही है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवा की गति कमजोर पड़ी है, जिससे वाहन उत्सर्जन, निर्माण कार्यों की धूल और अन्य प्रदूषक जमीन के पास ही फंसे हुए हैं। जब तक हवा की रफ्तार नहीं बढ़ती, तब तक प्रदूषण से राहत मिलना मुश्किल माना जा रहा है।