हरियाणा हाईकोर्ट ने 2004 बैच के पुलिसकर्मियो की याचिका पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया

2004 बैच के एचसीएस अधिकारियों की सेवा समाप्त करने के मामले में 17 फरवरी तक यथास्थिति बनी रहेगी। यह आदेश पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया। इन अधिकारियों की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिका दाखिल करते हुए एचसीएस अधिकारियों ने बताया कि 2004 के बैच की नियुक्ति विवादित रही थी। इस नियुक्ति में विवादों के चलते मामला काफी समय तक अदालत में लटका रहा। इस दौरान सरकार ने नियुक्ति में बेदाग उम्मीदवारों के नाम की सूची को अलग किया था।

इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर ही बेदाग उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के राज में 102 एचसीएस अधिकारियों का चयन किया गया था। मनोहर लाल सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश पर 38 एचसीएस को 2016 में नियुक्ति दी थी। इनमें से 23 ने नौकरी ज्वाइन की थी और 21 वर्तमान में कार्यरत हैं। 19 एचसीएस हैं और दो का नाम डीएसपी पद के लिए भेजा गया था।

अब सेवा के 6 साल पूरे हो चुके हैं और अचानक सरकार ने पूरी भर्ती को रद्द करने का निर्णय लेते हुए याचिकाकर्ताओं को सेवा समाप्त करने का नोटिस थमा दिया है। सरकार का यह कदम आपत्तिजनक, नियमों के खिलाफ तथा अपमानजनक है ऐसे में इसे खारिज किया जाना चाहिए। याची ने कहा कि जब नियुक्ति सरकार के चयन और हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप हुई है तो कैसे अब याचिकाकर्ताओं की सेवा को समाप्त किया जा सकता है।

यह था मामला

बीते दिनों हरियाणा के मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में लंबित एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया था कि 2004 में एचसीएस के चयन की पूरी प्रक्रिया अनियमितताओं से ग्रस्त थी। उस याचिका में चयन के बावजूद जिन उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी गई थी उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नियुक्ति देने की मांग की थी।

हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को रुख स्पष्ट करने को कहा था। सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि अब 2004 बैच की पूरी भर्ती को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इसी निर्णय के तहत वर्तमान में कार्यरत एचसीएस अधिकारियों को सेवा समाप्त करने का नोटिस दिया गया है।

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