हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और ब्यास नदी के उग्र प्रवाह ने व्यापक नुकसान किया है, जिसके चलते कुल्लू और मनाली के बीच संपर्क पूरी तरह ठप हो गया है। मनाली में प्रवेश करने वाले मुख्य मार्ग का एक बड़ा हिस्सा नदी में बह गया है, जिससे शहर की कनेक्टिविटी बाधित हो गई है। कई पर्यटक और स्थानीय लोग बीच रास्ते में फंसे हुए हैं और उन्हें खाने-पीने जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
मनाली का प्रवेश बिंदु मानी जाने वाली चचोगा में स्थिति सबसे गंभीर है। नेशनल हाईवे-3 का नामोनिशान मिट चुका है और सड़क की जगह ब्यास नदी का मलबा और तेज धारा बह रही है। यहां का वैकल्पिक मार्ग भी भारी क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे मनाली तक आने-जाने का कोई रास्ता नहीं बचा। बिगड़ती यातायात स्थिति के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुट गया है।
वैकल्पिक मार्ग बनाने के प्रयास
प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग से कच्चा रास्ता बनाने की कोशिश शुरू की है, ताकि मनाली तक जरूरी वस्तुओं और आपातकालीन सेवाओं की आपूर्ति की जा सके। हालांकि, लगातार बारिश और ब्यास का बढ़ा जलस्तर इन प्रयासों में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। स्थानीय लोगों में भय का माहौल है।
स्थानीय व्यक्ति मेहरचंद ने कहा, “हमने आज तक ब्यास का ऐसा भयानक रूप नहीं देखा। मुख्य रास्ता पूरी तरह समाप्त हो गया है, जिससे हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।”
हाईवे पर बही ब्यास
प्राकृतिक आपदा की भयावहता की कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें ब्यास नदी हाईवे पर बहती दिख रही है, पानी में डूबे खेत और उजड़े घर नजर आ रहे हैं।