शिमला। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बुधवार को कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र स्थित जीवानाला में बादल फटने की घटना से एनएचपीसी के शेड बह गए, जबकि बिहाली गांव पर खतरा मंडरा रहा है। बंजार के होर्नगाड़, काथीकुकड़ी नाला और मणिकर्ण की ब्रह्मगंगा नाले में भी उफान देखा गया है।
राजधानी शिमला समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा दर्ज की गई। बीती रात पालमपुर में 145.4 मिमी, जोगिंदरनगर 113 मिमी, नाहन 94 मिमी, बैजनाथ 85 मिमी, पांवटा साहिब 58.4 मिमी, गोहर 55 मिमी, कांगड़ा 37.4 मिमी, जोत 30 मिमी, रायपुर मैदान 29.2 मिमी, अंब 25.6 मिमी और कसौली में 22 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
धर्मपुर के पास पाड़च्छू में जालंधर-अटारी-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन पुल के लिए डाली गई मिट्टी के कारण खड्ड का प्रवाह रुक गया, जिससे जलजमाव हो गया। इसके चलते गासिया माता मंदिर, सराय और श्मशानघाट डूब गए और आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
बारिश का दौर जारी, कई जिलों में चेतावनी जारी
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे राज्य को कवर कर लिया है। 1 जुलाई तक हल्की से मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान है। 25 से 27 जून के बीच अधिकांश क्षेत्रों में वर्षा की संभावना जताई गई है, जबकि 28 जून से 1 जुलाई तक कई स्थानों पर वर्षा जारी रह सकती है। 25 जून को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कुल्लू और शिमला के लिए येलो अलर्ट जारी है। चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ इलाकों में बाढ़ की संभावना जताई गई है।
पुलिस मुख्यालय ने जारी की एडवाइजरी
मानसून की सक्रियता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को अलर्ट रहने और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील इलाकों का निरीक्षण करने, हेल्पलाइन नंबर 112, व्हाट्सएप, ईमेल और थानों के नंबर आमजन से साझा करने का भी निर्देश दिया गया है। नदी-नालों और पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
कांगड़ा और लाहौल में सड़कों पर कहर
कांगड़ा जिले के थुरल बाजार में मूसलाधार बारिश के बाद सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। लोअर बाजार की दुकानों को बंद करना पड़ा क्योंकि जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क पर बहता गंदा पानी दुकानों में घुसने लगा।
उधर, लाहौल के उदयपुर में चौखंग-नैनगार सड़क भारी बारिश के चलते बाधित हो गई है। एक नाले का जलस्तर अचानक बढ़ने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई और निगम की एक बस फंस गई। लोक निर्माण विभाग ने मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। चंद्रा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण जसरथ गांव के पास एक झूला पुल भी टूट गया है और गांव को जोड़ने वाली सिंचाई योजना भी प्रभावित हुई है।
पार्वती नदी में आई बाढ़, बलाधी गांव का संपर्क टूटा
मणिकर्ण घाटी के बलाधी गांव में पार्वती नदी पर ग्रामीणों द्वारा बनाई गई अस्थायी पुलिया तेज बहाव में बह गई है। यह पुलिया वर्ष 2024 की आपदा के बाद ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बनाई थी, जो अब पूरी तरह टूट गई है। इससे गांव का अन्य क्षेत्रों से संपर्क कट गया है और लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
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