जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। सोमवार को पुलिस ने बारामुला और गांदरबल जिलों में आतंकवादी समर्थक नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की। इस दौरान कुल 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 10 को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।

बडगाम जिले में पुलिस ने 45 स्थानों पर छापेमारी करते हुए 21 लोगों को हिरासत में लिया। इन घरों में से 16 ऐसे थे, जिनसे पाकिस्तान में बैठकर आतंकवाद को बढ़ावा देने का संबंध जुड़ा था। जिले में ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) से जुड़े 23 ठिकानों पर भी तलाशी ली गई। पुलिस ने जिलेभर में एक साथ 32 स्थानों पर कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (CASO) चलाया। अभियान के दौरान पीओके और पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी मूल निवासियों से जुड़ी संपत्तियों की भी जांच की गई।

बडगाम में 16 ओजीडब्ल्यू को गैरकानूनी गतिविधियों में मदद देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वहीं, जमानत पर चल रहे यूएपीए आरोपी व्यक्तियों की छह संपत्तियों की जांच की गई और पांच ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, दूरसंचार सेवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए 11 सिम विक्रेताओं का निरीक्षण किया गया और राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर 175 वाहनों की गहन जांच की गई।

गांदरबल जिले में भी पुलिस ने 39 लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें डिगनीबल जेल भेजा। छापे के दौरान पूर्व आतंकियों के घरों और स्थानीय नेटवर्क को खत्म करने के उद्देश्य से डिजिटल उपकरण और संदिग्ध सामग्री जब्त की गई, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। शोपियां में भी इसी तरह के अभियान चलाए गए।

कुलगाम जिले में पुलिस ने पाकिस्तान और पीओके से संचालित आतंकवादियों के आठ रिश्तेदारों को हिरासत में लिया और उन्हें अनंतनाग केंद्रीय जेल भेजा। साथ ही, कई संदिग्धों से पूछताछ की गई और 16 आरोपितों की जमानत रद्द करने के लिए अदालत में आवेदन दायर किए गए।

रामबन और बनिहाल जिलों में भी आतंकवाद और उसके सहयोगियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन तेज किया गया। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रामबन के SSP अरुण गुप्ता ने बताया कि जिले में आतंकवादियों को शरण देने और मदद करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। सभी नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की गई है।