श्रीनगर से बड़ी राजनीतिक प्रतिक्रिया सामने आई है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में आतंकी तत्वों के मकान गिराए जाने और उनके परिजनों की हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा की है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन निर्दोष परिजनों को निशाना बनाना उचित नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की व्यापक गिरफ्तारी और छापामारी आम जनता में डर और असुरक्षा पैदा कर रही है।
उन्होंने विशेष रूप से पुलवामा के कोइल में आतंकी डॉ. उमर नबी के मकान को ध्वस्त करने का जिक्र किया, जो लाल किले के पास हुए विस्फोट में शामिल पाए गए थे। महबूबा ने कहा, “पीडीपी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध नहीं करती जो वास्तव में इस आतंकवादी कृत्य में शामिल हैं, लेकिन जिस तरह से निर्दोष परिजनों और परिचितों को निशाना बनाया जा रहा है, वह चिंता का विषय है।”
महबूबा ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि “कोई भी कार्रवाई कानूनी दायरे में होनी चाहिए। दोषियों को सजा मिले, लेकिन निर्दोषों को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने आतंकी तत्वों के दोस्तों और परिचितों की अंधाधुंध गिरफ्तारी की भी निंदा की और इसे गैरकानूनी करार दिया।
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा था कि आतंकियों के मकानों को गिराने से आतंकवाद समाप्त नहीं होगा, बल्कि इससे आम जनता में आक्रोश बढ़ेगा। उन्होंने पुलवामा में आतंकी डॉक्टर गुलाम नबी के मकान ध्वस्त किए जाने का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाई आतंकवाद के मूल कारणों को दूर करने में असफल रहती है और निर्दोष नागरिकों को मुख्यधारा से अलग कर सकती है।