जम्मू: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली के लाल किले और नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए हालिया विस्फोटों पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील समय में देश को एकता, सहानुभूति और बातचीत के माध्यम से मजबूती से खड़ा रहना चाहिए।
महबूबा ने कहा कि किसी भी विचारधारा या शिकायत का समाधान निर्दोष लोगों की जान लेकर नहीं किया जा सकता। हिंसा मानवता को चोट पहुँचाती है। उन्होंने निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग करते हुए चेतावनी दी कि किसी भी निर्दोष को पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।
रविवार को पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में महबूबा ने कहा कि अतीत में बल और दबाव ने केवल लोगों में दूरी और आक्रोश को बढ़ाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्याय की प्रक्रिया कभी भी गरिमा की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। पार्टी ने दोनों घटनाओं में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
महबूबा ने कश्मीर के युवाओं पर ध्यान देते हुए कहा कि क्षेत्र की ताकत उसके युवा हैं और उन्हें हिंसा या कट्टरपंथ की ओर धकेलना समाज के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि केवल शिक्षा ही अतिवाद से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है, बल्कि युवाओं को करुणा, अवसर और अपनत्व भी दिया जाना चाहिए।
पार्टी ने उन रिपोर्टों पर चिंता जताई, जिनमें शिक्षित और व्यवस्थित युवाओं को जांच के दायरे में लाने की बात कही गई है। उन्होंने दोहराया कि हिंसा और दमन से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। मतभेदों को शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से सुलझाना आवश्यक है। केंद्र सरकार से अपील की कि बढ़ती दूरियों और अलगाव को संवेदनशीलता और करुणा से कम किया जाए, न कि बल के प्रयोग से।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, “हमारे घाव आरोप–प्रत्यारोप या बदले से नहीं भरेंगे। उन्हें करुणा, साहस और सच्चाई से भरना होगा। संवाद कमजोरी नहीं, बल्कि सबसे बड़ी ताकत है।” उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद भी दिया।