श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में फरवरी 2023 के हिरासत में प्रताड़ना (कस्टोडियल टॉर्चर) मामले में श्रीनगर की अदालत ने आठ पुलिसकर्मियों की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदिल मुश्ताक अहमद ने सभी पुलिसकर्मियों की जमानत अर्जियां अस्वीकार कर दीं।

जमानत याचिका खारिज होने वालों में डीएसपी एजाज अहमद नाइक, इंस्पेक्टर रियाज अहमद मीर, तनवीर अहमद मल्ला, अल्ताफ हुसैन भट, मोहम्मद यूनिस खान, शाकिर हुसैन खोजा, शाहनवाज अहमद डीदड़ और जहांगीर अहमद बेग शामिल हैं। सभी ने अलग-अलग जमानत आवेदन दायर किए थे।

इन पर आरोप है कि उन्होंने कुपवाड़ा स्थित संयुक्त पूछताछ केंद्र (JIC) में पुलिस कांस्टेबल खुरशीद अहमद चौहान को गैरकानूनी हिरासत में रखकर शारीरिक प्रताड़ना दी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपा गया था, जिसने आरोपियों को गिरफ्तार किया।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हिरासत में हिंसा के गंभीर मामलों में जांच के दौरान जमानत देना असामान्य है और इस मामले में ऐसा कोई विशेष कारण नहीं है जिससे इस सिद्धांत को छोड़ने का आधार बने। न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट किया कि मामला गंभीर और उच्च न्यायालय में विचारणीय (सेशंस ट्रायएबल) अपराधों की श्रेणी में आता है, इसलिए स्थानीय अदालत की अधिकार-सीमा सीमित है।

साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह साबित किया है कि हिरासत में रहकर निगरानी बनाए रखना आवश्यक है, ताकि मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप या गवाहों को डराने-धमकाने की संभावना न रहे।