कटड़ा। श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस (एसएमवीडीआईएमए) में एमबीबीएस की सीटों के आवंटन को लेकर सियासी विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी बीच, श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए गीता भवन परिसर को बैठक स्थल बनाया है। समिति मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने एजेंडे और आगामी कदमों की जानकारी सार्वजनिक करेगी।
संघर्ष समिति के संयोजक, सेवानिवृत्त कर्नल सुखबीर सिंह मनकोटिया ने बताया कि सोमवार को हुई अनौपचारिक बैठक में 17 समितियों ने आंदोलन का समर्थन किया। इस आधार पर मंगलवार को समिति गीता भवन में रणनीति पर चर्चा करेगी और इसे जम्मू संभाग के सभी 10 जिलों और दूरदराज की तहसीलों तक फैलाया जाएगा।
मनकोटिया ने कहा कि आठ जिलों में तहसील स्तर पर भी समितियां धरना-प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। इन स्थानों पर स्थानीय पदाधिकारी मुख्यालयों में जाकर ज्ञापन सौंपेंगे और जन-जन तक आंदोलन का संदेश पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल होगा।
विरोध को प्रभावी बनाने के लिए कई वरिष्ठ हिंदुत्ववादी पदाधिकारी पर्दे के पीछे से रणनीति तैयार कर रहे हैं। उनका उद्देश्य कटड़ा जैसे धार्मिक स्थल में स्थापित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की असमानता या धार्मिक आधार पर भेदभाव को बर्दाश्त न करना है।
वहीं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 50 में से 42 सीटों पर मुस्लिम छात्रों के प्रवेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि संस्थान में प्रवेश केवल मेरिट के आधार पर हुआ है। उन्होंने भाजपा और नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा की आलोचना करते हुए कहा कि बिल में कहीं भी मजहब के आधार पर प्रवेश देने का उल्लेख नहीं किया गया है। उमर ने जोर देकर कहा कि छात्रों की मेरिट पर कोई समझौता नहीं किया गया है और अगर मजहबी आधार पर विवाद करना है, तो स्पष्ट किया जाए कि अस्पताल में भी किसी विशेष वर्ग के मरीजों का इलाज ही होगा।