श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन परिसर में शुक्रवार देर रात एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिसमें 9 लोग मारे गए और 27 घायल हुए। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह हादसा उस समय हुआ जब पुलिस अधिकारी हाल ही में फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटक पदार्थ के नमूने ले रहे थे।
घटनास्थल से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में विस्फोट के तुरंत बाद आग और धुएँ की लपटें फैलती दिखाई दीं। घायल पुलिसकर्मियों और फोरेंसिक टीम के सदस्यों को तत्काल आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
इस विस्फोट की जांच श्रीनगर पुलिस और बम निरोधक दस्ते द्वारा की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह विस्फोट लगभग 360 किलोग्राम विस्फोटक के जखीरे से हुआ, जिसे हाल ही में डॉक्टर मुज़म्मिल गनई के फरीदाबाद स्थित घर से जब्त किया गया था।
डिप्टी कमिश्नर अक्षय लाबरू ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। अधिकारियों ने बताया कि छह शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए पुलिस नियंत्रण कक्ष ले जाया गया। घायल 24 पुलिसकर्मी और तीन नागरिक हैं, जिन्हें शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिस फोरेंसिक टीम फरीदाबाद से लाई गई सामग्री की जांच कर रही थी। छोटे-छोटे विस्फोटों के चलते बचाव अभियान में कठिनाई आई। घटना स्थल पर पुलिस थाने की इमारत को भी नुकसान पहुंचा।
जांच में सामने आया कि इस आतंकी मॉड्यूल की रचना और संचालन डॉक्टरों की एक तिकड़ी कर रही थी। गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद के अलावा उमर नबी और मुजफ्फर राठेर (फरार) भी इस मॉड्यूल से जुड़े हैं। अधिकारियों ने बताया कि फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से विस्फोटकों सहित अन्य रासायनिक पदार्थ जब्त किए गए।
श्रीनगर पुलिस ने अक्टूबर में नौगाम के बनपोरा इलाके में धमकी भरे पोस्टरों के बाद इस आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अब मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है और संदिग्धों की पहचान के लिए फ्रेम-दर-फ्रेम सीसीटीवी विश्लेषण किया जा रहा है।