लद्दाख के प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक की हिरासत को दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन उनके परिवार का आक्रोश कम नहीं हुआ है। उनकी पत्नी गीतांजलि ने शुक्रवार को अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए एक बार फिर गिरफ्तारी को "निराधार और अनुचित" करार दिया।

गीतांजलि ने लिखा कि सोनम वांगचुक का एकमात्र ‘दोष’ यह था कि उन्होंने शांतिपूर्ण अनशन और पदयात्रा के जरिए केंद्र सरकार को उसके ही चुनावी घोषणापत्र में लद्दाख के लिए किए गए वादों की याद दिलाई। उनका कहना था कि इन वादों की बदौलत भाजपा ने चुनाव में समर्थन हासिल किया, लेकिन सत्ता में आने के बाद बातें अधूरी ही छोड़ दी गईं।

ज्ञात हो कि 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद प्रशासन ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे वांगचुक को हिरासत में लिया था। इसके बाद उन्हें राजस्थान के जोधपुर स्थित सेंट्रल जेल भेज दिया गया, जहां से वे अब तक रिहा नहीं हुए हैं।