रांची। झारखंड में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम यानी पेसा एक्ट के तहत तैयार नियमावली को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकृत किया गया। इस फैसले के साथ ही अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को व्यापक अधिकार और जिम्मेदारियां सौंपने का रास्ता साफ हो गया है।
कैबिनेट बैठक में कुल 39 प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक के बाद पंचायती राज सचिव मनोज कुमार ने बताया कि नियमावली को अधिसूचित किए जाने के बाद इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियम पेसा अधिनियम और ग्राम सभा को सशक्त करने वाले अन्य कानूनी प्रावधानों के अनुरूप तैयार किए गए हैं। मसौदे में ग्राम सभाओं के परिसीमन का प्रावधान भी शामिल है, जिसे जिला प्रशासन अधिसूचित करेगा।
मनोज कुमार ने बताया कि पेसा नियमों का पंचायत चुनावों पर कोई प्रत्यक्ष असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 पहले से ही पेसा के अनुरूप है। राज्य के 13 जिले पूरी तरह अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं, जबकि दो अन्य जिलों के कुछ प्रखंड इस श्रेणी में शामिल हैं। विकास योजनाओं की रूपरेखा और क्रियान्वयन में ग्राम सभा की भूमिका अहम होगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पेसा एक्ट को लागू करने के लिए नियमावली तैयार कर ली गई है और इसे व्यापक विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों और लोगों से सुझाव लेकर यह निर्णय लिया गया है, ताकि अधिसूचित क्षेत्रों में इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। कैबिनेट में इस विषय पर एक घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने बताया कि झारखंड स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस निर्णय को ‘दिशोम गुरु’ को समर्पित किया गया है। वहीं वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि प्रत्येक राजस्व ग्राम में एक ग्राम सभा का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सभी ने स्वीकार किया।
ग्राम सभा को मिलेंगे अहम अधिकार
पेसा नियमों के तहत एक एकड़ से कम जल क्षेत्र पर ग्राम सभा का नियंत्रण होगा। मछली पालन और उससे होने वाले उपयोग का फैसला ग्राम सभा ही करेगी। शराब की किसी भी देसी या विदेशी दुकान को ग्राम सभा की अनुमति के बिना खोलने की इजाजत नहीं होगी।
इसके अलावा घरों में चोरी, मवेशी चोरी और सामान्य विवादों की सुनवाई भी ग्राम सभा कर सकेगी। भूमि कब्जे या मामूली मारपीट जैसे मामलों में ग्राम सभा दो हजार रुपये तक का जुर्माना लगा सकेगी, हालांकि इन प्रावधानों में कुछ संशोधन पर विचार जारी है।
स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन में भी ग्राम सभा की भूमिका तय की गई है। शिक्षकों, डॉक्टरों या पारा मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति की स्थिति में ग्राम सभा कार्रवाई की अनुशंसा कर सकेगी। इस तरह पेसा नियमों के लागू होने से अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।