महाराष्ट्र के ठाणे जिले में महिला डॉक्टर पर जानलेवा हमला और लूटपाट करने वाले आरोपी को अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुंधरा भोसलें ने आरोपी राशिद शकील खान (56) को दोषी ठहराते हुए ₹20,000 का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने टिप्पणी की कि डॉक्टरों पर हिंसा के मामलों को रोकने के लिए बनाए गए कानून का पालन सख्ती से होना चाहिए ताकि समाज में स्पष्ट संदेश जाए कि ऐसे अपराध स्वीकार्य नहीं होंगे।

कानूनी कार्रवाई और सजा का फैसला
अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत घर में घुसकर चोट पहुंचाने और हथियार के बल पर लूट करने का दोषी पाया। इसके साथ ही, उसे डॉक्टर और चिकित्सा संस्थानों पर हिंसा रोकथाम अधिनियम, 2019 के तहत भी सजा दी गई। न्यायालय ने आदेश दिया कि ₹20,000 के जुर्माने में से ₹10,000 की राशि पीड़ित महिला डॉक्टर को मुआवजे के रूप में दी जाए। अभियोजन पक्ष के समर्थन में 14 गवाहों की गवाही के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया।

महामारी के दौरान हुआ था हमला
मामला 3 जनवरी 2021 का है, जब कोविड-19 महामारी का दौर जारी था। आरोपी राशिद खान भायंदर स्थित डॉ. गायत्री नंदलाल जायसवाल के क्लिनिक में आरटी-पीसीआर टेस्ट के बारे में पूछताछ के बहाने पहुंचा था। डॉक्टर ने उसे कुछ देर इंतजार करने को कहा, जिस पर नाराज होकर वह चला गया। कुछ समय बाद वह फिर लौटा और लोहे के हथौड़े से डॉक्टर पर हमला कर दिया।

लूटपाट के बाद फरार हुआ आरोपी
हमले के दौरान आरोपी ने डॉक्टर के सिर पर कई वार किए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। इसके बाद उसने डॉक्टर की सोने की चेन, अंगूठी, मोबाइल फोन और ₹5,000 नकद लूटकर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया।

अदालत ने कहा– यह हमला ‘गंभीर चोट’ की श्रेणी में आता है
हमले में डॉक्टर को सिर पर गंभीर चोटें आईं और मस्तिष्क में रक्त का थक्का जम गया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह चोटें गंभीर श्रेणी में आती हैं और यदि समय पर इलाज न किया जाता, तो यह जानलेवा साबित हो सकती थीं। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में कठोर सजा से समाज में यह संदेश जाएगा कि डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा अस्वीकार्य है।