मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दशहरा रैली में एक बार फिर खुद को असली शिवसेना का ध्वजवाहक बताया। उन्होंने अपने संबोधन में पार्टी छोड़ चुके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “जो हमारे साथ डटे हैं, वही असली सोना हैं। जो चले गए, वे सिर्फ पीतल थे, चमक थोड़ी देर की होती है, पर असली कीमत साथ निभाने वालों की है।”
बीजेपी को बताया "अमीबा", सत्ता की भूख का लगाया आरोप
भाजपा पर हमला करते हुए उद्धव ने उसे "अमीबा" कहा — ऐसा जीव जो हर दिशा में फैलता रहता है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर ये आपके पेट में चला जाए, तो तबियत बिगड़ जाती है। इसी संदर्भ में ठाकरे ने भाजपा पर सत्ता के लिए हर सीमाएं पार करने और जनहित से भटक जाने का आरोप लगाया।
"भ्रष्टाचार चरम पर, मंत्री बचाए जा रहे हैं"
राज्य सरकार पर सीधा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में प्रशासन दोहरे मापदंडों पर चल रहा है। “जब अधिकारी घोटालों में फंसते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन जिन मंत्रियों के इशारे पर ये सब होता है, वे सुरक्षित बैठे हैं। शराब के लाइसेंस से लेकर डांस बार तक – सब कुछ रसूखदारों के परिजनों के नाम पर हो रहा है।”
देवेंद्र फडणवीस पर तंज, सीएम रैंकिंग में पिछड़ने का किया जिक्र
ठाकरे ने एक हालिया सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र कभी ऐसा राज्य था, जहां का मुख्यमंत्री टॉप 5 में गिना जाता था। “लेकिन आज हमारे राज्य के डिप्टी सीएम (फडणवीस) 10वें नंबर पर आ चुके हैं। योगी आदित्यनाथ, ममता बनर्जी और अन्य नेताओं ने जनता का भरोसा जीता है, ये हमारे नेतृत्व की असफलता को दिखाता है।”
मणिपुर दौरे पर प्रधानमंत्री को घेरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे को लेकर ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “तीन साल से मणिपुर सुलग रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री को अब जाकर वहाँ की याद आई। वहां जाकर उन्होंने कहा ‘मणिपुर में मणि है’, लेकिन क्या उन्होंने राज्य की आंखों में भरे आंसू देखे? ये पीड़ा पर नमक छिड़कने जैसा है।”
"भाजपा समाज को बांटने में लगी है"
ठाकरे ने भाजपा पर सामाजिक विभाजन फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि एक बार फिर हिन्दू-मुस्लिम के बीच दीवार खड़ी करने की साजिश चल रही है। उन्होंने नागपुर में हुई आरएसएस की विजयादशमी रैली पर तंज कसते हुए पूछा, “क्या यही वो जहरीले फल हैं जो 100 साल की मेहनत के बाद समाज को मिल रहे हैं?”
सोनम वांगचुक का मामला उठाकर भी केंद्र पर बोला हमला
ठाकरे ने लेह के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का जिक्र करते हुए केंद्र पर दोगली नीति का आरोप लगाया। “जब तक वांगचुक सरकार की तारीफ करते रहे, उन्हें राष्ट्रभक्त कहा गया। लेकिन जैसे ही उन्होंने नीतियों पर सवाल उठाए, उन्हें निशाने पर ले लिया गया। क्या सिर्फ पाकिस्तान जाने से कोई देशद्रोही बनता है, या फिर सवाल पूछने से भी?”