चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा के बैनर तले 10 नवंबर को गेट नंबर 1 पर हुए हिंसक प्रदर्शन और हाथापाई को लेकर सेक्टर 31 थाना पुलिस ने विस्तृत रिपोर्ट दर्ज की है। सब-इंस्पेक्टर प्रतिभा के अनुसार, विश्वविद्यालय में तैनात पुलिस बल ने प्रदर्शन को काबू में करने की पूरी कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों और कुछ बाहरी व्यक्तियों ने जबरदस्ती परिसर में प्रवेश करने का प्रयास किया और पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई।

पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदर्शन में पंजाब के विभिन्न जिलों से आए छात्र, विश्वविद्यालय के छात्र और अन्य संगठन शामिल थे। हालांकि परिसर में धारा 223 (बीएनएसएस) लागू थी और समूह में इकट्ठा होने पर रोक थी, बावजूद इसके दोपहर में हज़ारों की भीड़ गेट नंबर 1 पर जमा हो गई और बैरिकेड्स हटाकर भीतर घुसने का प्रयास करने लगी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस ने कई बार प्रदर्शनकारियों को समझाया कि परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना अनिवार्य है, लेकिन उनकी बातों को अनसुना किया गया। मीडिया और फ़ोटोग्राफ़र भी इस दौरान मौके पर मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों ने गेट पर लगे ताले तोड़ दिए और पुलिस से टकराव किया। इस दौरान एसपी सोंधी, इंस्पेक्टर रोहित कुमार (एसएचओ सेक्टर 17), एसआरसीटी विपिन शर्मा और अन्य पुलिस कर्मी घायल हुए। घायलों का जीएमएसएच-16 में इलाज हुआ और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और सरकारी काम में बाधा डाली। उनका यह आचरण गैरकानूनी सभा के दायरे में आता है। इसके चलते पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा से जुड़े अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 221, 223, 191(2), 190, 115(2), 121(1) और 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सुरक्षा बल अब सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और तस्वीरों के आधार पर प्रदर्शनकारियों की पहचान कर रही है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि जल्द ही कई लोगों को नोटिस जारी करने और गिरफ्तार करने की कार्रवाई की जा सकती है।