पंजाब के एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया है। सिद्धू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर वकील डॉ. अनमोल रत्न सिद्धू को मार्च में ही पंजाब का एडवोकेट जनरल (एजी) नियुक्त किया गया था। 1993 से डिप्टी एडवोकेट जनरल पंजाब के रूप में 2005 तक कार्य कर चुके डॉ. सिद्धू राज्य के जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों में सरकार का पक्ष मजबूती से रखते रहे हैं। डॉ. सिद्धू वर्ष 2007 में सीनियर एडवोकेट नामित होने के बाद वर्ष 2008 से 2014 तक भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य कर चुके हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1551845667081166848?s=20&t=jGftZTe1V1V3GqCfATK8HQ

नशे के आदी लोगों के पुनर्वास के लिए दान किया था वेतन

पंजाब के एडवोकेट जनरल नियुक्त होने के बाद उन्होंने वेतन के तौर पर केवल एक रुपया लेने का एलान करते हुए अपना वेतन नशे के आदी लोगों के इलाज के लिए दान करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वे ऐसे गांवों तक पहुंचकर एजी के तौर पर अपना वेतन नशे के आदी लोगों के इलाज और उनके पुनर्वास के लिए दान करेंगे।  

आठ बार रह चुके हैं पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष

अनमोल रतन सिंह सिद्धू पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आठ बार अध्यक्ष रह चुके हैं। वह बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के चेयरमैन भी रहे हैं। इसके अलावा वे पंजाब के एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद पर और केंद्र में कांग्रेस की सरकार के दौरान करीब दस साल तक सिद्धू असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। नई सरकार के बनते ही चन्नी सरकार में रहे एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने इस्तीफा दे दिया था।