न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य कई मांगों को लेकर किसानों का लगातार धरना प्रदर्शन जारी है. इस बीच पंजाब के किसान नेताओं ने 14 फरवरी को चंडीगढ़ में अपनी मांगों पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित करने के लिए केंद्र द्वारा दिए गए निमंत्रण पर कहा कि यह उनके लिए कोई बड़ी जीत नहीं है, लेकिन वो बंद दरवाजा खुलवाने में सफल रहे.

उन्होंने कहा कि पिछले अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आखिर तक चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन जब किसान नेता उनसे अनुरोध करते रहे, तो उन्होंने उनसे कहा जो आपको ठीक लगे, वही करें. किसान नेताओं का कहना है कि पूरी स्थिति को देखते हुए उन्होंने फैसला किया है कि डल्लेवाल के लिए चिकित्सा सहायता शुरू की जानी चाहिए.

14 फरवरी को बातचीत फिर से शुरू

किसान नेता काका सिंह कोटड़ा का कहना है कि हम यह नहीं कह सकते कि यह बड़ी जीत है, लेकिन हम यह कह सकते हैं कि हमने एक कदम आगे बढ़ाया है. हम (केंद्र से) बैठक करवाने में सफल रहे और हम बातचीत के लिए बंद दरवाजा खुलवाने में सफल रहे.

बीते शनिवार को कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे डल्लेवाल और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के साथ ही किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें 14 फरवरी को बातचीत फिर से शुरू करने के लिए आमंत्रित किया.

चिकित्सा सहायता लेने पर डल्लेवाल सहमत

प्रस्तावित बैठक की घोषणा के बाद डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता लेने पर सहमति जताई. पिछले साल 26 नवंबर को आमरण अनशन पर बैठने के बाद से वह किसी भी तरह की सहायता लेने से इनकार कर रहे थे. बैठक के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने तस्वीरें जारी कीं, जिनमें डल्लेवाल को नसों में ड्रिप के जरिए चिकित्सा सहायता लेते हुए दिखाया गया.

पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेताओं ने रविवार 19 जनवरी को कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से मांग की थी कि बैठक पहले होनी चाहिए, क्योंकि 14 फरवरी बहुत दूर है. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर तैयारियों के लिए मंत्रियों और अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 9 फरवरी तक आदर्श आचार संहिता लागू है.

बैठक का पहला दौर चंडीगढ़ में होगा

कोहाड़ ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि बैठक का पहला दौर चंडीगढ़ में होगा और इससे अगला दौर दिल्ली में होगा. उन्होंने बताया कि बैठक के लिए निमंत्रण लेकर आए केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि डल्लेवाल को प्रस्तावित बैठक में शामिल होना चाहिए. ऐसे में उन्होंने डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने का अनुरोध किया ताकि वो बैठक में भाग ले सकें, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.

इसके बाद किसान नेताओं ने उनसे मुलाकात की और डल्लेवाल ने उनसे कहा कि जो आपको सही लगे, वही करें. कोहाड़ ने कहा कि 8 डॉक्टों की टीम ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान की. किसान नेताओं ने कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जाती, डल्लेवाल का अनिश्चितकालीन अनशन जारी रहेगा.

26 जनवरी को किसान निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च

वहीं किसान नेताओं ने ये भी कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का उनका कार्यक्रम बरकरार है. पिछले साल 8, 12, 15 और 18 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच चार दौर की बैठकें हुईं, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही.

दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली मार्च करने से रोक दिया था. किसान दिल्ली कूच के जरिए, केंद्र सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर दबाव बनाना चाहते थे.