जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वितीय ने 12 साल पुराने एक मामले में कार की तय समय पर डिलीवरी न होने के कारण कंपनी को नुकसानभरपाई का आदेश दिया है। आयोग ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कंपनी परिवादिनी को 1 लाख रुपये के मुआवजे के साथ 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अदा करे। इसके अलावा, वाद के दौरान हुए खर्च के लिए 5 हजार रुपये अतिरिक्त भी दिए जाएँ। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अगर 30 दिन के भीतर राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो दोनों ही राशियों पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।

रकाबगंज कदीम मोहल्ले की निवासी सुनीता त्रिवेदी ने 25 मई 2013 को यह वाद दायर किया था। उन्होंने बताया कि हजरतगंज के शाहनजफ रोड स्थित सनी टोयटा शोरूम से उन्होंने 14 जनवरी 2013 को 50 हजार रुपये जमा कर कैरोला एल्टिस कार बुक की थी। कार की कुल कीमत 17.40 लाख रुपये थी और डिलीवरी 10 दिन बाद तय की गई थी।

सुनीता के पति आरके त्रिवेदी ने कहा कि 15 फरवरी 2013 को उन्होंने 16.50 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान कर दिया। लेकिन जब वे कार लेने शोरूम गए, तो उन्हें बताया गया कि वाहन रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और नया वाहन आने में 10 दिन लगेंगे। बार-बार संपर्क करने के बाद 7 मार्च 2013 को कार की डिलीवरी हुई, लेकिन पहले निर्धारित 40 हजार रुपये का डिस्काउंट नहीं दिया गया।

सुनीता ने 23 मई 2013 को सेवा में कमी के चलते शाहनजफ रोड स्थित सनी टोयटा और कोलकाता स्थित टोयटा कंपनी लि. के खिलाफ वाद दायर किया था। 12 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद 12 नवंबर 2025 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वितीय ने फैसला सुनाया। आयोग के अध्यक्ष अमरजीत त्रिपाठी और सदस्य प्रतिभा सिंह की मौजूदगी में सुनाए गए आदेश में परिवादिनी को मुआवजे और व्यय राशि का भुगतान करने को कहा गया।