अयोध्या। रामनगरी में श्रद्धा और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला, जब शुभ मुहूर्त से पहले ही बुधवार देर रात सरयू तट से 14 कोसी परिक्रमा प्रारंभ हो गई। इसी के साथ कार्तिक मेले की औपचारिक शुरुआत भी हो गई। इस बार सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं — पूरी परिक्रमा एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की निगरानी में संपन्न होगी।

शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर की सुबह 4:50 बजे का था, लेकिन भक्तों का उत्साह इतना था कि रात दो बजे से ही परिक्रमा प्रारंभ हो गई। कुछ ही घंटों में अयोध्या की 14 कोस की परिधि श्रद्धालुओं की अविरल मानव श्रृंखला से भर गई। सरयू घाट, दर्शननगर, देवकाली, भीखापुर, नाका हनुमानगढ़ी, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सआदतगंज, अफीम कोठी और नयाघाट सहित कई स्थानों से भक्तों का सैलाब परिक्रमा पथ पर उमड़ पड़ा।

कड़ी सुरक्षा, पांच हजार जवान तैनात
श्रद्धालुओं की भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को सात जोन में बांटा है। अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी इनकी निगरानी कर रहे हैं। मेला क्षेत्र में लगभग पांच हजार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जिनमें 40 सीओ, 60 निरीक्षक, 250 उपनिरीक्षक, 1500 आरक्षी और चार कंपनी सीआरपीएफ सहित आठ कंपनी पैरामिलिट्री बल शामिल हैं।

एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है। परिक्रमा मार्ग पर दोनों ओर बैरिकेडिंग की गई है और पूरे रास्ते को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। शहर के भीतर और बाहरी हिस्सों में ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया है।

घाटों पर जल पुलिस और एसडीआरएफ तैनात
सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सरयू घाटों पर जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। ये टीमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ उन्हें सतर्क रहने की सलाह भी दे रही हैं।

देशभर से आए हजारों श्रद्धालु गुरुवार की भोर से ही परिक्रमा में शामिल हो चुके हैं। प्रशासन के मुताबिक, पूरा आयोजन शांति और श्रद्धा के माहौल में संपन्न कराने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।