लखनऊ के जानकीपुरम क्षेत्र में मंगलवार रात 74 वर्षीय नीलिमा श्रीवास्तव की घर में हत्या कर दी गई। उनकी गले पर चोट के निशान पाए गए और घर का सामान बिखरा हुआ था। बुधवार सुबह पड़ोसियों ने उनका शव कमरे में पड़ा देखा और पुलिस को सूचना दी।
नीलिमा अकेली रहती थीं। उनके भाई प्रदीप श्रीवास्तव ने जानकीपुरम थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया है। प्रारंभिक जांच में सीसीटीवी फुटेज में शॉल ओढ़े एक संदिग्ध दिखाई दिया है। पुलिस उसकी तलाश में लगी है, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि लूट की कोशिश हुई थी या नहीं।
नीलिमा अपने दो कमरे के मकान में अकेली रहती थीं। उनके पति और बेटे का निधन कई साल पहले हो चुका था। बहू मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और 10 वर्षीय पोते के साथ मायके में रहती हैं। हत्या के दिन दोपहर को वह बहन के साथ बाहर गई थीं और शाम को घर लौट आई थीं।
सुबह पड़ोसी उर्मिला मौर्य ने उनके घर का गेट खुला पाया। अंदर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने अपने पति और पास के प्रशासनिक अधिकारी के नौकर को बुलाया। घर के अंदर पहुंचने पर नीलिमा का शव फर्श पर पड़ा मिला, जिस पर कंबल रखा हुआ था।
पुलिस ने घर और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की। फुटेज में संदिग्ध युवक मंगलवार दोपहर घर में दाखिल होता और ढाई बजे निकलता नजर आया। युवक पैदल मड़ियांव गांव की ओर चला गया। शॉल ओढ़े होने के कारण उसका चेहरा पहचानना मुश्किल हुआ।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि नीलिमा के घर दोपहर में टिफिन देने वाला आता था। पुलिस टिफिन वाले की जानकारी भी जुटा रही है। शुरुआती अनुमान के अनुसार हत्या में घर से परिचित किसी व्यक्ति की भूमिका होने की आशंका है।
मोहल्ले के लोग बताते हैं कि नीलिमा खुशमिजाज और मिलनसार थीं। रोज सुबह घर के सामने बैठकर घंटों बातचीत किया करती थीं। पड़ोसियों का मानना है कि हत्या लूटपाट के दौरान ही हुई है। पुलिस सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है।