बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम की तैयारियों के दौरान शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। लंच पैकेट और चाय बनाने का काम कर रहे तीन कारीगर गैस सिलेंडर से रिसाव होने के बाद लगी आग में झुलस गए। घटना के बाद अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है, क्योंकि मौके पर मौजूद जिम्मेदारों ने घायलों को तत्काल उपचार दिलाने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश की।
जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम में खानपान की जिम्मेदारी सरायअली गांव निवासी सुनील सिंह को दी गई थी। उन्होंने यह काम बभननपुरवा निवासी रामविलास को सौंप दिया, जिसने अपने भाई धर्मेंद्र, वीरेंद्र और सहयोगी रामानंद को तैयारी में लगाया। शनिवार दोपहर तक भोजन पैकेट तैयार हो चुके थे। करीब तीन बजे चाय बनाने के दौरान नया सिलेंडर लगाया गया, लेकिन उसमें वाल्व न होने के कारण गैस रिसाव शुरू हो गया और अचानक आग लग गई। इस घटना में धर्मेंद्र, वीरेंद्र और रामानंद गंभीर रूप से झुलस गए।
मौजूद लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पा लिया, लेकिन घायलों की हालत बिगड़ती चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि अधिकारी और ठेकेदार इलाज कराने के बजाय घटना को छिपाने में जुटे रहे। शाम को स्थानीय लोगों ने घायलों को बेलहरी ले जाकर इलाज कराने की कोशिश की, मगर वहां केवल प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया गया। हालत नाजुक होने पर बाद में उन्हें फखरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
झुलसे कारीगरों ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद ठेकेदार मौके से फरार हो गया और प्रशासन ने भी उनकी सुध नहीं ली। गंभीर स्थिति में होने के बावजूद किसी अधिकारी ने हालचाल तक नहीं पूछा।