अयोध्या। 25 नवंबर को राम मंदिर में आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विशेष इंतजाम किए हैं। सुरक्षा को और सख्त करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि समारोह में आने वाले सभी मेहमानों को मोबाइल फोन लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
पहले मोबाइल फोन के साथ प्रवेश की अनुमति दी गई थी, लेकिन दिल्ली में हाल ही में हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ाने की सिफारिश की। इसके बाद ट्रस्ट और प्रशासन ने संयुक्त बैठक के बाद मोबाइल प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया।
इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत आठ हजार मेहमान शामिल होंगे। मेहमानों को सुबह आठ से 10 बजे के बीच मंदिर परिसर में प्रवेश करना होगा। ट्रस्ट की ओर से परिसर में भोजन और जलपान की सुविधा दी जाएगी।
हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था
ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने हाईटेक तकनीक का सहारा लिया है। राम जन्मभूमि परिसर में अतिरिक्त मेटल डिटेक्टर, डॉग स्क्वॉड और 15 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरों के जरिए पूरे इलाके की निगरानी की जाएगी। यलो जोन में पहले 280 कैमरे लगे थे, जिन्हें बढ़ाकर लगभग 450 किया गया है। सभी कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है, जहां से रियल-टाइम निगरानी की जाएगी।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत ड्रोन कैमरों से भी हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने आगंतुकों से अपील की है कि सुरक्षा जांच में पूरी तरह सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
रामनगर और राम मंदिर की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। इस कदम का उद्देश्य न केवल समारोह के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकना भी है।