सर्दियों की दस्तक के साथ ही उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं पर बिजली खर्च का नया बोझ बढ़ने जा रहा है। दिसंबर महीने के बिल में उपभोक्ताओं को 5.56% अतिरिक्त ईंधन एवं पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (FPPCA) सरचार्ज चुकाना होगा, जिसके चलते बिजली बिल में सीधा इजाफा होगा।

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने सितंबर 2025 में बढ़ी ईंधन लागत की भरपाई करने के लिए यह अतिरिक्त शुल्क लागू किया है। अनुमान है कि इस अवधि में उपभोक्ताओं से लगभग 264 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस फैसले को उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि डिमांड बेस्ड टैरिफ लागू करते समय उपभोक्ताओं को राहत देने का दावा किया गया था, लेकिन वास्तविकता इसके उलट साबित हो रही है। वर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि बिजली कंपनियों के पास उपभोक्ताओं का लगभग 51 हजार करोड़ रुपये सरप्लस के रूप में जमा है, इसके बावजूद अतिरिक्त सरचार्ज लगाकर जनता पर भार डाला जा रहा है।

सरचार्ज को बताया अवैध और अन्यायपूर्ण

उपभोक्ता परिषद ने दलील दी कि नियमों के अनुसार ईंधन सरचार्ज तभी लगाया जा सकता है, जब बिजली कंपनियों पर वाकई अतिरिक्त बोझ पड़े। मौजूदा परिस्थितियों में इस सरचार्ज को उन्होंने ग़ैर-क़ानूनी और अनुचित बताया।

आंदोलन की चेतावनी

परिषद ने कहा कि यूपी में लगभग हर तिमाही FPPCA के नाम पर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त राशि वसूली गई है। पिछले एक वर्ष में ही हजारों करोड़ रुपये ले लिए गए, जबकि बिजली दरों में कोई कमी नहीं की गई। परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि इस अतिरिक्त शुल्क को वापस नहीं लिया गया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे।