उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए देश के पांच प्रमुख महानगरों — मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और नई दिल्ली — में ‘इन्वेस्ट यूपी’ के सैटेलाइट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन ऑफिस खोलने की योजना बनाई है। इन कार्यालयों के माध्यम से राज्य की औद्योगिक संभावनाओं और निवेश अवसरों को सीधे बड़े कारोबारी केंद्रों तक पहुँचाया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इन्वेस्ट यूपी के पुनर्गठन को मंजूरी दी है। इस सैटेलाइट ऑफिस योजना का उद्देश्य निवेशकों और सरकार के बीच संवाद को मजबूत करना और उत्तर प्रदेश की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस छवि को और सुदृढ़ करना है।

प्रत्येक ऑफिस में समर्पित टीम होगी
प्रत्येक सैटेलाइट ऑफिस में एक जनरल मैनेजर, एक असिस्टेंट जनरल मैनेजर, दो उद्यमी मित्र, दो एग्जिक्यूटिव और दो ऑफिस असिस्टेंट नियुक्त किए जाएंगे। इन पांचों केंद्रों पर अनुमानित वार्षिक व्यय लगभग 12 करोड़ रुपये रहेगा। इन कार्यालयों का उद्देश्य केवल निवेश लाना ही नहीं, बल्कि निवेशकों को परियोजना क्रियान्वयन, नीति मार्गदर्शन और राज्य के औद्योगिक माहौल की प्रत्यक्ष जानकारी भी देना है।

हर शहर के लिए रणनीतिक सेक्टर तय
राज्य सरकार ने प्रत्येक शहर के औद्योगिक और आर्थिक माहौल के आधार पर निवेश के लक्षित क्षेत्र निर्धारित किए हैं:

  • मुंबई: वित्तीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक और ईएसजी फंड।

  • बेंगलुरु: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी), एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और डीपटेक।

  • हैदराबाद: फार्मा, डेटा सेंटर, हेल्थटेक और एंटरप्राइज सेक्टर।

  • चेन्नई: ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और हार्डवेयर निर्माण।

  • नई दिल्ली: इन्वेस्ट यूपी और एशिया-यूरोपीय संघ सहयोग सुविधा केंद्र।

‘निवेश से विकास’ की दिशा में बड़ा कदम
सरकार का मानना है कि इन प्रमुख शहरों में कार्यालयों की उपस्थिति से न केवल घरेलू निवेश बढ़ेगा, बल्कि विदेशी निवेश आकर्षण में भी तेजी आएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब केवल उपभोक्ता राज्य नहीं बल्कि निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बन चुका है।

सैटेलाइट ऑफिस राज्य और उद्योगों के बीच सेतु का काम करेंगे और “मेक इन यूपी” अभियान को और गति देंगे। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेश मानचित्र पर अपनी पहचान और मजबूत करेगा।