लखनऊ। डिफेंस एक्सपो मैदान में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश पुलिस के 60,244 नवचयनित सिपाहियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। गृह मंत्री ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और नवचयनित जवानों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

समारोह में गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने प्रतीकात्मक रूप से 50 अभ्यर्थियों को मंच पर नियुक्ति पत्र सौंपे, जबकि अन्य चयनित अभ्यर्थियों को भी कार्यक्रम स्थल पर नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। शाह ने कहा कि इस बार भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही—न कोई सिफारिश, न धन की आवश्यकता, केवल योग्यता के आधार पर चयन हुआ है।

उन्होंने कहा कि आज का दिन इन युवा अभ्यर्थियों के जीवन का सबसे गौरवपूर्ण दिन है, क्योंकि वे देश के सबसे बड़े राज्य की पुलिस सेवा का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और अब राज्य में कानून का शासन है।

गृह मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद भी उत्तर प्रदेश में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया था, लेकिन जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद संभाला, तब परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हुई और आज इसके स्पष्ट परिणाम दिखाई दे रहे हैं।

महिलाओं की भागीदारी और राष्ट्रीय सुरक्षा की चर्चा

शाह ने बताया कि चयनित सिपाहियों में 12,000 से अधिक महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिसे उन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने इन महिला सिपाहियों के आत्मविश्वास और उत्साह की सराहना की।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में देश की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दौर में आतंकी घटनाएं आम थीं। जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत ने उरी, बालाकोट और पहलगाम जैसी घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब दिया है।

उन्होंने विश्वास जताया कि 2047 तक भारत को विश्व के शीर्ष देशों में पहुंचाने में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम होगी।

सीएम योगी ने दी कड़ी मेहनत की सीख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि यह नियुक्ति कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्षों की सेवा और सुशासन का प्रतिबिंब है। उन्होंने बताया कि बीते आठ वर्षों में राज्य सरकार ने 8.5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां पारदर्शी प्रक्रिया से दी हैं, जिससे यह साबित हुआ है कि मेरिट और पारदर्शिता से भर्ती संभव है।

योगी ने नवचयनित सिपाहियों को प्रशिक्षण के दौरान पूरी मेहनत करने की सलाह दी और कहा कि "ट्रेनिंग में जितना पसीना बहेगा, ड्यूटी पर उतना कम खून बहेगा।"

पूर्व सरकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पहले नौकरियों में पैसे और सिफारिश के बिना चयन असंभव था, लेकिन वर्तमान सरकार ने आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए निष्पक्ष तरीके से युवाओं को अवसर दिए हैं।

सीएम ने जानकारी दी कि राज्य में अब 60,000 से अधिक प्रशिक्षण क्षमता विकसित कर ली गई है, जिससे सभी चयनित जवान प्रदेश में ही प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आठ नई फॉरेंसिक लैब स्थापित की जा चुकी हैं और छह निर्माणाधीन हैं। सभी 75 जिलों में साइबर पुलिस स्टेशन कार्यरत हैं।

समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी युवाओं को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।