लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब 150 किलोवाट तक के बिजली कनेक्शन के लिए शुल्क तय करने की योजना है। यह नई व्यवस्था खंभे से 300 मीटर तक की दूरी पर लगाए जाने वाले कनेक्शनों पर लागू होगी। इससे पहले बिजली कनेक्शन के लिए अभियंता एस्टीमेट तैयार करते थे, जिसमें खंभे, ट्रांसफॉर्मर, केबल और लाइन आदि के नाम पर लाखों रुपये वसूले जाने की शिकायतें आती थीं।

विद्युत नियामक आयोग की 18 दिसंबर को होने वाली सप्लाई रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है। इसके लागू होने के बाद पुराने जमाने से चली आ रही 40 मीटर तक कनेक्शन देने की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और उपभोक्ताओं को अतिरिक्त भुगतान से राहत मिलेगी।

कैसे काम करेगा नया फिक्स चार्ज
नई व्यवस्था में उपभोक्ताओं को सिर्फ एकमुश्त शुल्क जमा करना होगा, जिसमें प्रोसेसिंग फीस, सुरक्षा राशि, मीटरिंग चार्ज और अन्य खर्च शामिल होंगे। बिजली विभाग कनेक्शन के लिए आवश्यक सभी तकनीकी व्यवस्थाएं, जैसे पोल, लाइन और ट्रांसफॉर्मर, खुद संभालेगा।

उदाहरण के लिए, यदि कोई घरेलू उपभोक्ता 2 किलोवाट का कनेक्शन 100 मीटर की दूरी तक लेना चाहता है, तो उसे केवल 5,500 रुपये जमा करने होंगे। वहीं, 300 मीटर तक का कनेक्शन लेने पर 7,555 रुपये जमा करने होंगे। इस शुल्क में उपभोक्ता को किसी प्रकार का अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा।

कनेक्शन दूरी के लिए तीन स्लैब तय

  1. 0 से 100 मीटर

  2. 101 से 300 मीटर

  3. 301 मीटर से अधिक – इस पर अलग व्यवस्था और एस्टीमेट

उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि लंबे समय से उपभोक्ताओं की मांग थी कि कनेक्शन शुल्क फिक्स किया जाए। नए प्रस्ताव के लागू होने से भ्रष्टाचार और अनुचित वसूली पर रोक लगेगी। अभियंता एक जैसे मामलों में अलग-अलग एस्टीमेट नहीं बना पाएंगे। इसके अलावा, गरीब उपभोक्ताओं को मीटर की कीमत किस्तों में चुकाने की सुविधा भी मिलेगी।

वर्मा ने कहा कि यह व्यवस्था ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी और कनेक्शन प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनेगी।