मथुरा। वृंदावन स्थित प्रसिद्ध श्री बांकेबिहारी मंदिर का तोषखाना 54 वर्षों के बाद शनिवार को धनतेरस के अवसर पर खोला गया, लेकिन उम्मीद के विपरीत इसमें कोई बेशकीमती वस्तु नहीं मिली। अधिकारियों के अनुसार खजाने में केवल पीतल के बर्तन, संदूक और आभूषणों के खाली डिब्बे ही पाए गए।

खजाने का निरीक्षण दिल्ली से आए चार्टर्ड अकाउंटेंट की देखरेख में किया गया और सभी वस्तुओं की सूची तैयार की गई। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि खजाने का एक कमरा अभी शेष है, जिसे रविवार को खोला जाएगा।

खजाने में भारी मात्रा में हीरे और जवाहरात होने की बात सामने आ रही थी, लेकिन यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। इस दौरान मंदिर के सेवायतों ने नाराजगी जताई और हंगामा भी किया। इसके बाद खजाना पुनः सील कर दिया गया।

मंदिर की हाईपावर्ड कमेटी ने हाल ही में अपनी पहली बैठक में खजाने को खोलने का आदेश दिया था। चूंकि तोषखाना पर अदालत की सील लगी हुई थी, इसलिए प्रशासन ने सिविल जज जूनियर डिवीजन से अनुमति ली। अदालत ने 18 अक्टूबर को खजाना खोलने की तिथि निर्धारित की थी।

इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भाजपा सरकार से करबद्ध आग्रह… कम-से-कम मंदिरों के खजाने तो छोड़ दे… इतना भी लालच ठीक नहीं। दुर्भाग्यपूर्ण!”