दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार धमाके ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को हिला कर रख दिया है। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का खुलासा होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ खुफिया एजेंसियों की नजर में सबसे संवेदनशील शहर बन गई है। लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पर भी जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, यूपी ATS ने यूनिवर्सिटी से करीब 65 छात्रों का पूरा विवरण मांगा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यहां भी डॉक्टरों और छात्रों के जरिए किसी खतरनाक नेटवर्क का निर्माण तो नहीं हो रहा।

डॉ. परवेज अंसारी का अचानक गायब होना
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. परवेज अंसारी ने धमाके से ठीक एक हफ्ते पहले अचानक इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में चयन मिल गया है। लेकिन जैसे ही उनकी बहन डॉ. शाहीन शाहिद को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया, परवेज अंसारी लापता हो गए। 11 नवंबर को यूपी ATS और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने उनके मड़ियांव स्थित घर पर छापा मारा। घर बंद मिला और तलाशी में छह कीपैड मोबाइल, तीन बड़े चाकू, इंटरनेशनल कॉलिंग कार्ड, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए।

शाहीन शाहिद: जैश की महिला विंग की कमांडर
डॉ. शाहीन शाहिद लखनऊ की निवासी हैं और कभी GSVM मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। 2013 में नौकरी छोड़कर गायब होने के बाद वह फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहुंचीं, जहां से उन्होंने JeM का नेटवर्क संचालित किया। पाकिस्तानी हैंडलर सदिया अजहर के संपर्क में आने के बाद शाहीन को भारत में जैश की महिला विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ बनाने की जिम्मेदारी मिली। वह अपने भाई परवेज अंसारी के साथ लगातार एन्क्रिप्टेड ऐप्स से संपर्क में रही।

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पर सुरक्षा अलर्ट
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी पहले भी विवादों में रही है और यहां से दो आतंकी पकड़े जा चुके हैं। अब परवेज अंसारी के मामले के बाद एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। विदेशी फंडिंग और संदिग्ध गतिविधियों की जांच शुरू कर दी गई है। ED और NIA यूनिवर्सिटी के वित्तीय रिकॉर्ड और स्टाफ से पूछताछ कर रही हैं। हिरासत में लिए जाने के बाद परवेज ने दो साथियों के नाम बताए, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है।

व्हाइट कॉलर टेररिज्म: नया खतरा
यह मामला दर्शाता है कि अब आतंक केवल मदरसों तक सीमित नहीं है। डॉक्टर, प्रोफेसर और इंजीनियर जैसे पढ़े-लिखे लोग भी इस नेटवर्क का हिस्सा बन रहे हैं। अक्टूबर में श्रीनगर की एक शादी में यह मॉड्यूल सक्रिय हुआ था और दिल्ली, लखनऊ, अयोध्या, मथुरा जैसे शहर निशाने पर थे। यूपी ATS इसे ‘व्हाइट कॉलर टेररिज्म’ का नया और खतरनाक रूप मान रही है। फिलहाल लखनऊ में हाई अलर्ट है और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के गेट पर पुलिस तैनात है।

जांच के अगले चरण में पता चलेगा कि यह नेटवर्क कितना व्यापक है, लेकिन स्पष्ट है कि पढ़े-लिखे दिमाग अब आतंक का नया हथियार बनते जा रहे हैं।