प्रदेश सरकार ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2005 और 2014 के अंतर्गत स्वीकृत लेकिन निष्क्रिय परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने का मार्ग साफ कर दिया है। अब आवंटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) में संशोधन और परियोजना अवधि का विस्तार संभव होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि न्यूनतम 25 एकड़ में टाउनशिप बनाने की बाध्यता अब समाप्त होगी। बिल्डर अब 12.5 एकड़ भूमि में भी टाउनशिप विकसित कर सकेंगे। परियोजनाओं को 25 एकड़ तक तीन साल और 25 एकड़ से अधिक होने पर पांच साल में पूरा करना होगा। इस फैसले से आवंटियों को फ्लैट और भूखंड मिलने की संभावना बढ़ गई है।
अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय का विस्तार
अयोध्या में प्रस्तावित विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय अब 52.102 एकड़ क्षेत्र में विकसित होगा। टाटा संस के सहयोग से बनने वाले इस संग्रहालय के लिए अतिरिक्त 27.102 एकड़ भूमि नि:शुल्क दी जाएगी। इससे संग्रहालय का आकार और भव्य होगा और कुल लागत बढ़कर 750 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि संग्रहालय के संचालन के लिए गैर-लाभकारी SPV बनाया जाएगा, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मंदिर संग्रहालय से न केवल अयोध्या को सांस्कृतिक पहचान मिलेगी, बल्कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे में 246 करोड़ की मंजूरी
कैबिनेट ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के घाघरा पुल के तटबंध पर स्थायी सुरक्षा कार्य के लिए 246.37 करोड़ रुपये मंजूर किए। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि एक्सप्रेसवे के निर्माण से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
औद्योगिक निवेश में मंजूरी
कैबिनेट ने मेसर्स पसवारा पेपर्स लिमिटेड मेरठ को 65.67 लाख रुपये और वृंदावन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को 17.06 करोड़ रुपये प्रतिपूर्ति के रूप में देने की मंजूरी दी। इन भुगतान को औद्योगिक निवेश नीति-2012 और 2017 के तहत किया जाएगा।
खेल क्षेत्र में राहत और प्रोत्साहन
प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को बड़ी राहत दी है। अब उनके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, प्रशिक्षण शिविरों और संबंधित गतिविधियों में शामिल होने का समय ड्यूटी में गिना जाएगा। इससे खिलाड़ियों को अनुमति प्रक्रिया में होने वाली दिक्कतें खत्म होंगी।
वाराणसी के डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का संचालन अब भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को सौंपा जाएगा। यहां राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
इस संशोधित नीति और परियोजनाओं के फैसलों से न सिर्फ आवास, संस्कृति और खेल क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को भी बल मिलेगा।