लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए राजनीतिक माहौल गरमा दिया। देशभर से आए लाखों समर्थकों की मौजूदगी में उन्होंने घोषणा की कि बीएसपी आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल से गठबंधन किए बिना अकेले मैदान में उतरेगी।

अपने संबोधन में मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी “दोगली राजनीति” करती है। उन्होंने कहा कि जब सपा सत्ता में होती है तो न उसे कांशीराम याद आते हैं और न ही पीडीए, लेकिन सत्ता से बाहर होते ही समाजवाद के नाम पर नाटक शुरू हो जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने बीएसपी शासनकाल में कांशीराम के नाम पर शुरू की गई कई योजनाओं और संस्थानों के नाम बदल दिए।

मायावती ने योगी सरकार की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने अंबेडकर पार्क के रखरखाव पर पूरा खर्च किया, जबकि सपा शासन में इस पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि बीएसपी सरकार की ओर से जो टिकट और सुविधा दी जाती है, उसका दुरुपयोग मौजूदा सरकार ने नहीं किया, जिसके लिए वे आभारी हैं।

बीएसपी प्रमुख ने आगे कहा कि गठबंधन की राजनीति से पार्टी को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, “हमने अनुभव से सीखा है कि गठबंधन के बावजूद अपर कास्ट वोट हमारे प्रत्याशियों को ट्रांसफर नहीं होते। इसलिए अब बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी और 2027 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी।”

आजम खान के बीएसपी में शामिल होने की अटकलों पर मायावती ने सफाई दी। उन्होंने कहा, “मैं किसी से छुपकर नहीं मिलती। अफवाहों और गलत खबरों पर ध्यान न दें।”

रैली के दौरान मायावती ने एक बार फिर आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता आकाश आनंद के साथ उसी तरह खड़े रहें, जैसे कांशीराम के निधन के बाद उन्होंने उनके साथ खड़े रहकर पार्टी को मजबूत किया था।

रैली स्थल पर मायावती और आकाश आनंद के समर्थन में लगे नारों से वातावरण गूंज उठा। दूर-दराज से आए समर्थकों ने कहा कि चाहे पार्टी सत्ता में हो या विपक्ष में, वे “बहनजी” के नेतृत्व में पूरी निष्ठा से खड़े रहेंगे।