अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बीजेपी, भाषा, मंदिर-मस्जिद विवाद, आरक्षण, जनसंख्या और घुसपैठ जैसे अहम मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखी।
भाजपा अध्यक्ष चुनने संबंधी बयान पर अवधेश प्रसाद ने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और समाजवादी पार्टी किसी अन्य दल के निजी मामलों में दखल नहीं देती। उन्होंने कहा, “हमारी विचारधारा अलग है और हम उसी पर कायम हैं।”
भाषा को लेकर उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, लेकिन भारत की ताकत उसकी विविधता में है। हर राज्य की अपनी भाषा और संस्कृति है, और यही हमारी एकता का आधार है। काशी और मथुरा जैसे तीर्थ स्थलों पर उन्होंने कहा कि ये किसी एक जाति या धर्म विशेष के नहीं हैं; सभी की अपनी आस्था है और पूजा-पाठ की परंपराओं में बदलाव की जरूरत नहीं है।
अवधेश प्रसाद ने रोजगार और लघु उद्योग बढ़ाने को ही असली समाधान बताया। उन्होंने घुसपैठ के मुद्दे पर कहा कि इसे रोकना सरकार की जिम्मेदारी है और केंद्र एवं राज्य सरकारों को इसके लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। जनसंख्या वृद्धि को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रकृति स्वयं नियंत्रित करती है।
आरक्षण को लेकर सांसद ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में बेचने से आरक्षण अप्रत्यक्ष रूप से कमजोर हो रहा है, जो कमजोर वर्गों के साथ अन्याय है। समाज को बांटने की कोशिशों के लिए उन्होंने संघ पर भी सवाल उठाए और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की कोशिशों पर रोक लगा दी है।