बरेली में विवादित घटनाओं के आरोपी मौलाना तौकीर रजा ने बदायूं के जिला सहकारी बैंक का लंबित कर्ज चुकता कर दिया है। सोमवार को उनके भतीजे शहनवाज ने बैंक जाकर 30,522 रुपये की राशि जमा कराकर यह पुराना बकाया खाता निपटा दिया।
मौलाना तौकीर रजा मूलतः बदायूं के गांव करतौली के निवासी हैं। उन्होंने वर्ष 1990 में रसूलपुर कुट्टी साधन सहकारी समिति से 5,055.60 रुपये का कृषि कर्ज लेकर खाद और बीज खरीदे थे। हालांकि 1996 में सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन इस खाते में माफी लागू नहीं हुई।
बैंक अधिकारियों के अनुसार, 1997 में कर्ज की जांच में बकाया पाया गया और कई नोटिस जारी किए गए, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। हाल ही में बरेली बवाल मामले में तौकीर रजा को जेल भेजे जाने के बाद बैंक ने पुराने खातों की समीक्षा शुरू की।
जांच में पता चला कि मूल कर्ज पर ब्याज जोड़ने के बाद कुल बकाया 28,346 रुपये था। अतिरिक्त ब्याज जोड़कर कुल देनदारी 30,522 रुपये तय की गई। बैंक ने नौ अक्टूबर को तौकीर रजा के घर पर नोटिस चस्पा कर 15 दिन की मोहलत दी थी। इसी दौरान उनके भतीजे ने पूरी राशि जमा कर दी।
जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरीबाबू भारती ने बताया कि शहनवाज ने सोमवार को जिला मुख्यालय शाखा में भुगतान किया और बैंक ने रसीद जारी कर दी।