रामपुर: सपा नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उनके खिलाफ न्यायालय में चल रहे तीन प्रमुख मुकदमे अब अंतिम चरण में हैं और जल्द ही फैसले की उम्मीद है। इन मामलों में अंतिम बहस चल रही है, जिसमें एक मामला उनके बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला खां के दो पैन कार्ड को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दो माह के भीतर फैसला सुनाने का आदेश दिया है।
इस पैन कार्ड मामले की शुरुआत वर्ष 2019 में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से हुई थी। आरोप है कि अब्दुल्ला का पैन कार्ड असत्य और कूटरचित दस्तावेज़ के आधार पर बनाया गया था। मामले में दो पैन कार्ड में अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज है—पहले में 1 जनवरी 1993 और दूसरे में 30 सितंबर 1990। पुलिस ने जांच पूरी कर अब्दुल्ला और आजम खां के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए हैं। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। अभियोजन पक्ष की अंतिम बहस पूरी हो चुकी है, अब बचाव पक्ष अपनी दलील पेश करेगा।
दूसरा मामला पूर्व सांसद अमर सिंह के परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर है। वर्ष 2018 में अमर सिंह की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप है कि 23 अगस्त 2018 को आजम खां ने जौहर यूनिवर्सिटी में एक साक्षात्कार के दौरान अमर सिंह के परिवार को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस मामले की जांच अजीमनगर थाना पुलिस ने पूरी कर ली और आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया गया। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में अंतिम बहस के चरण में है।
तीसरा मामला आठ साल पुराना है और इसमें आजम खां पर सेना के जवानों के खिलाफ विवादित बयान देने का आरोप है। यह मामला भी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जून 2017 को सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज कराया था। आरोप है कि आजम खां ने सपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की। पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया। इस मामले की सुनवाई भी अंतिम बहस पर है।
तीनों मामलों में फैसला अंतिम बहस पूरी होने के बाद सुनाया जाएगा।