उत्तर प्रदेश में राज्यपाल की मंजूरी के बाद 10 महत्वपूर्ण विधेयक अधिनियम बन गए हैं। सोमवार को प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने इसकी जानकारी दी। इनमें प्रमुख रूप से श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक भी शामिल है, जिसे अगस्त माह में दोनों सदनों से पारित होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था। राज्यपाल ने 21 अगस्त को इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी।

मंजूर होने वाले अन्य प्रमुख विधेयकों में उप्र निरसन विधेयक 2025, उप्र राजय लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) (संशोधन) 2025, उप्र निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025, उप्र माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, उप्र निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025, उप्र मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025, उप्र लोक अभिलेख विधेयक 2025, उप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधक (संशोधन) विधेयक 2025, उप्र राज्य विधानमंडल सदस्य तथा मंत्री सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक 2025 और कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2024 शामिल हैं।

साथ ही कुछ अध्यादेश भी विधानसभा पटल पर रखे गए हैं, जिनमें उप्र पेंशन की हकदारी तथा विधिमान्यकरण अध्यादेश 2025, उप्र निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) अध्यादेश 2025, उप्र नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश 2025, उप्र निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) अध्यादेश 2025, उप्र निजी विश्वविद्यालय (पंचम संशोधन) अध्यादेश 2025, उप्र सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश 2025, उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश 2025, और उप्र दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश 2025 शामिल हैं।

इन विधेयकों और अध्यादेशों के लागू होने से प्रशासनिक प्रक्रिया, वित्तीय प्रबंधन, शिक्षा, व्यापार और नगर निकायों से जुड़ी महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं में संशोधन और सुधार की राह आसान होगी।