कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में इस समय अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपनी प्रशासनिक विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ‘संविधान हत्या दिवस’ जैसे आयोजन कर रही है। यह टिप्पणी उन्होंने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयानों के जवाब में की।
संविधान पर खतरा, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर अंकुश: खरगे
इंदिरा भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में खरगे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस वे संगठन हैं, जिनका न तो आज़ादी की लड़ाई में योगदान रहा और न ही संविधान निर्माण में कोई भूमिका रही। उन्होंने कहा, “जो लोग कभी संविधान को मान्यता नहीं देते थे, वे आज संविधान की दुहाई दे रहे हैं।”
खरगे ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल रही है और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की नीतियों के कारण संविधान आज खतरे में है।
‘आपातकाल की आड़ में असल मुद्दों से ध्यान भटका रही सरकार’
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि सरकार महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए 50 साल पुराने आपातकाल के विषय को फिर से उठा रही है। उन्होंने कहा, “यह वह विषय है जिसे जनता पीछे छोड़ चुकी थी, लेकिन भाजपा अब इसे राजनीतिक हथियार बना रही है।”
खरगे ने यह भी कहा कि कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही ‘संविधान बचाओ यात्रा’ से घबराकर भाजपा आपातकाल के मुद्दे को फिर से उछाल रही है।
मणिपुर और लोकतांत्रिक संस्थानों पर टिप्पणी
कांग्रेस नेता ने मणिपुर की स्थिति को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार संकट प्रबंधन में विफल रही है। इसके साथ ही उन्होंने संसद की कार्यप्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता को कमजोर करने के आरोप भी लगाए। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को योजनाबद्ध ढंग से कमजोर करने का आरोप लगाते हुए इसे ‘अघोषित आपातकाल’ करार दिया।
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