नई दिल्ली। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में लगातार दूसरे दिन मजबूती देखने को मिली है। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 23 पैसे की बढ़त के साथ 85.49 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की तरफ से मजबूत निवेश और घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक माहौल इसके पीछे प्रमुख कारण रहे।
कहां तक पहुंचा रुपया?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.50 पर खुला और कुछ ही देर में 85.49 के स्तर तक पहुंच गया। यह पिछले बंद भाव 85.72 की तुलना में 23 पैसे की मजबूती दर्शाता है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और डॉलर की सीमित मजबूती के चलते रुपये की गति थोड़ी थमी है।
डॉलर सूचकांक में हल्की बढ़त
छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.10% बढ़कर 97.24 पर पहुंच गया है।
पिछले कुछ दिन का हाल
बुधवार को रुपया तीन पैसे की गिरावट के साथ 86.08 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। हालांकि गुरुवार और शुक्रवार को इसमें सुधार देखा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने, आईपीओ में डॉलर निवेश बढ़ने और ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों ने रुपये को मजबूती दी है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार के अनुसार, अमेरिकी डॉलर सूचकांक तीन वर्षों के निचले स्तर पर है, जिससे रुपये को समर्थन मिला है।
शेयर बाजार ने भी दिखाई मजबूती
घरेलू शेयर बाजारों में भी शुक्रवार को तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 229.22 अंकों की बढ़त के साथ 83,985.09 पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 73.5 अंकों की तेजी के साथ 25,622.50 पर ट्रेड करता दिखा।
एफआईआई का भरोसा कायम
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को एफआईआई ने शुद्ध रूप से 12,594.38 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विदेशी निवेशकों का यह भरोसा रुपये और बाजार दोनों के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
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