नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी दिवालिया रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और उसके प्रवर्तक अनिल अंबानी के ऋण खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत कर दिया है। नियामक फाइलिंग में बैंक ने बताया कि यह कार्रवाई उन ऋणों के कथित दुरुपयोग के आधार पर की गई है, जो लगभग एक दशक पहले दिए गए थे।
आरकॉम ने अपनी नियामक फाइलिंग में कहा कि उन्हें 2 सितंबर को बैंक ऑफ बड़ौदा से पत्र मिला, जिसमें उनके और अनिल अंबानी के ऋण खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के निर्णय की जानकारी दी गई। बैंक ने 2017 में ही इन खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया था।
बैंक ने आरकॉम को कुल 2,462.50 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा दी थी, जिसमें से 28 अगस्त तक 1,656.07 करोड़ रुपये बकाया थे। पत्र में कहा गया कि "यह खाते 5 जून 2017 से एनपीए के रूप में वर्गीकृत हैं।"
आरकॉम फिलहाल अपने ऋणों का निपटान करने के लिए कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि वर्तमान में एनसीएलटी द्वारा कोई सक्रिय समाधान योजना मौजूद नहीं है।
अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि यह कार्रवाई 12 साल से पुराने मामलों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी ने आरकॉम के बोर्ड में 2006 से 2019 तक कार्य किया और सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। प्रवक्ता ने बताया कि वे कानूनी सलाह के अनुसार उपलब्ध सभी उपाय करेंगे।