केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बहुप्रतीक्षित ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक–2025’ पेश किया, जिसे सदन ने चर्चा के बाद पारित कर दिया। सरकार का कहना है कि इस विधेयक से बीमा क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी और आम लोगों तक बीमा सुविधाओं की पहुंच और मजबूत होगी।

विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इसके माध्यम से बीमा अधिनियम–1938, जीवन बीमा निगम अधिनियम–1956 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम–1999 में व्यापक संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना, नियामकीय प्रक्रियाओं को सरल बनाना और घरेलू व विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना है।

सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हमेशा आम नागरिकों के लिए बीमा सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के कठिन दौर में भी समाज के कमजोर और हाशिए पर मौजूद वर्गों को बीमा कवरेज उपलब्ध कराया गया। सदन ने प्रस्तावित संशोधनों पर सहमति जताते हुए विधेयक को मंजूरी दे दी।

वित्त मंत्री के अनुसार, बीमा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों से बीमा तक लोगों की पहुंच बढ़ेगी, नियामकीय निगरानी और प्रभावी होगी तथा अनुपालन प्रक्रिया पहले की तुलना में अधिक आसान बनेगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित कानून बीमा उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम है।

सीतारमण ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 2015 में 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत की गई, जिसे 2021 में 74 प्रतिशत कर दिया गया था। अब इसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इन नीतिगत फैसलों का सकारात्मक असर दिखा है और बीमा कंपनियों की संख्या 2014 में 53 से बढ़कर वर्तमान में 74 हो चुकी है।

मंत्री ने यह भी बताया कि बीमा की पहुंच 2014-15 में 3.3 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 3.8 प्रतिशत हो गई है। वहीं प्रति व्यक्ति वार्षिक बीमा प्रीमियम 55 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 97 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। कुल बीमा प्रीमियम संग्रह 4.15 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 11.93 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि प्रबंधन के तहत संपत्ति 24.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 74.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।

इस बीच, राज्यसभा ने चर्चा के बाद Appropriation (No. 4) Bill, 2025 को लोकसभा को वापस कर दिया। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, मनी बिल केवल लोकसभा में ही पारित किया जाता है और राज्यसभा उसे अस्वीकार नहीं कर सकती, बल्कि केवल चर्चा कर लौटाती है।